आज के इस post में आप सभी के लिए Class 12 SOCIOLOGY का subjective Question Paper -3यानि Question Bank 2021 (subjective Question), (Short Question ) (Long Question ) SOCIOLOGY Question Paper 2021 Class 12 pdf With Answer In Hindi Medium Class 12 SOCIOLOGY Sample Paper 2021 – 22 in Hindi Pdf Download
प्रश्न 1. राष्ट्रीय एकता क्या है ?
उत्तर-राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है। ___राष्ट्रीय एकता राष्ट्र को सशक्त एवं संगठित बनाती है। राष्ट्रीय एकता ही वह भावना है जो विभिन्न धर्मों, संप्रदायों, जाति, वेश-भूषा, सभ्यता एवं संस्कृति के लोगों को एक सूत्र में पिरोए रखती है। अनेक विभिन्नताओं के उपरांत सभी परस्पर मेल-जोल से रहते हैं।
प्रश्न 2. प्रजापत्य विवाह को परिभाषित करें।
उत्तर-कन्या के सहमति के बिना उसका विवाह अभिजात्य वर्ग के वर से कर देना ‘प्रजापत्य विवाह’ कहलाता है। .. प्रश्न 3. युवागृह से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-आदिम समाज में लड़के-लड़कियों के सामाजीकरण की प्रक्रिया के एक प्रमुख अभिकरण के रूप में युवा गृह का प्रकार्यात्मक महत्व है। युवा गृह आदि सामाजिक संरचना का एक विशिष्ट स्वरूप है । सामाजिक मानवशास्त्री के अध्ययन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि संध्याकाल आरम्भ होते ही लड़के-लड़कियाँ युवा गृहों में कदम रखते हैं और वहीं रात व्यतीत करते हैं । यहां उन्हें सांस्कृतिक मूल्यों, आदिम कानूनों एवं धार्मिक त्योहारों के सम्बन्ध में जानकारियाँ दी जाती हैं । उन्हें नृत्य तथा संगीत का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है । विभिन्न जनजातीय समाज में युवागृहों को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है । डॉ० मजूमदार का कहना है कि युवा गृह की सदस्याता एक निश्चित आयु पूरी होने के बाद सभी के लिए अनिवार्य है। यह सामूहिक चेतना तथा शक्ति का प्रतीक है । उरांव जनजाति में युवागृह को घूमकुरिया कहते हैं।
प्रश्न 4. परिहार नातेदारी संबंध को स्पष्ट करें।
उत्तर-जब दो नातेदारों के बीच समाज या संस्कृति पारस्परिक अन्तक्रिया का निषेध करती है, उसे परिहार कहते हैं। परिहार संबंधियों के बीच आमने-सामने के संबंध या प्रत्यक्ष सम्बन्ध को हतोत्साहित किया जाता है। जैसे उत्तर भारत में ससुर तथा पुत्रवधू या जेठ तथा वधू के बीच परिहार संबंध पाया जाता है।
प्रश्न 5. अंतर्विवाह को परिभाषित करें।
उत्तर-परिभाषित समूह के अंदर विवाह करना अन्तर्विवाह है, जैसे-अपनी जाति के पुरुष या स्त्री से विवाह करना ।
प्रश्न 6. अनुलोम विवाह क्या है ?
उत्तर-अनुलोम विवाह-यह हिन्दू विवाह का एक रूप है। प्राचीन भारतीय समाज में वर्ण व्यवस्था के अंतर्गत अनुलोम विवाह को सामाजिक मान्यता थी। इसे कुलीन विवाह भी कहा जाता है। धार्मिक पुस्तकों में यह उल्लेख मिलता है। कि “पिता को अपनी कन्या का विवाह अपने से उच्च
कुल में करना चाहिए” । कन्या का विवाह उच्च वर्ण में और लड़के का विवाह अपने से नीचे वर्ण की लड़की से होता है तो उसे अनुलोम विवाह कहा जाता है।” जैसे बाह्मण लड़का, क्षत्रिय या वैश्य या शूद लड़की से विवाह करता है तो यह अनुलोम विवाह है।
प्रश्न 7.खुला क्या है?
उत्तर-यदि पत्नी तलाक देना चाहती हो और पति तलाक नहीं चाहता हो तो इस स्थिति में पति-पत्नी को समझाने की कोशिश करता है और यदि वह सहमत नहीं होती तो पति उसे तलाक दे देता है। लेकिन अगर पत्नी के तलाक मांगने के बावजूद उसका पति उसे तलाक नहीं देता तो बीबी के लिए इस्लाम में यह बात रखी गई कि वह काजी के पास जाए और उससे शौहर से तालाक दिलवाने के लिए कहे । इस्लाम ने काजी को यह हक दे रखा है कि वह उसका रिश्ता खत्म करने का एलान ककर दे, जिससे उनकी तलाक हो जाएगी। कानून में इसे खुला कहा जाता है।
प्रश्न 8. एच. आई. वी. से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-एच. आई. वी. एक वायरस है जो अक्वायर्ड इम्युनो डेफिशियंसी सिंड्रोम के कारण बनता है जो कि मनुष्यों में एक अवस्था है जिसमें प्रतिरक्षा तंत्र विफल होने लगता है। इसके परिणामस्वरूप ऐसे अवसरवादी संक्रमण हो जाते हैं जिससे मृत्यु का खतरा हो जाता है । एच. आई. वी. का संक्रमण रक्त के अंतरण, वीर्य, योनि द्रव स्खलन द्रव या माँ के दूध से होता है।
प्रश्न 9. नगरीकरण को परिभाषित करें।
उत्तर-नगरीकरण (urbanisation)-नगरीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें लोग गांवों में रहने के बजाय कस्बों वह शहरों में रहना शुरू कर देते हैं। वे ऐसे तरीकों का प्रयोग करते हैं कि कृषि आधारित निवास क्षेत्र गैर-कृषि शहरी निवास क्षेत्र में परिवर्तित हो जाता है। शहरी केन्द्रों का विकास बढ़ी हुई
औद्योगिक व व्यावसायिक गतिविधियों का परिणाम है। कस्बों और नगरों की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है और ये गैर-कृषि परिवारों की संख्या में वृद्धि के कारण है।
प्रश्न 10. साम्प्रदायिकता क्या है?
उत्तर-सांप्रदायिकता-स्पष्ट शब्दों में इसका अर्थ है-धार्मिक पहचान पर आधारित उग्र राष्ट्रवाद । यह विश्वास करना कि धर्म ही व्यक्ति या समूह की पहचान के सभी अन्य पक्षों की तुलना में सर्वोपरि होता है। आमतौर पर, यह उन व्यक्तियों या समूहों के प्रति एक आक्रामक और शत्रुतापूर्ण रवैया होता है जो दूसरों के धर्मों का आदर करते व उन्हें मानते हैं अथवा जिनकी गैर-धार्मिक पहचान अन्य सभी की तुलना में सर्वोपरिहोती है। प्रत्येक व्यक्ति की पहचान उसके धर्म, उकसी जाति के आधार पर ही होती है है भारत में । सम्प्रदायवाद एक विशेष मुद्दा बन गया है। इन सांप्रदायिक दंगों के दौरान लोग अपने-अपने समुदायों के पहचानहीन सदस्य बन जाते हैं। वे अपने अभिमान की पूर्ति व रक्षा के लिए दूसरे समुदाय के सदस्यों को मार डालने व बलात्कार करने, लूटपाट करने को तैयार हो जाते हैं। कोई भी ऐसा क्षेत्र, राज्य नहीं है जो सांप्रदायिकता से अछूता रहा हो । प्रत्येक धार्मिक सामुदाय चाहे वह छोटा हो या बड़ा, न्यून या अधिक मात्रा में हिंसा की मार अवश्य सही है। अगर सांप्रदायिक दंगों के लिए सरकार को किसी हद तक जिम्मेदार ठहराया जाए तो किसी भी सरकार या सत्ताधारी दल इस मामले में निर्दोष होने का दावा नहीं कर सकता। वास्तव में, सांप्रदायिक हिंसा के दो आघातकारी समकालीन ठदाहरण दो प्रमुख राजनीतिक दलों के शासनकाल में घटित हुए । ये इस प्रकार है
(1) दिल्ली में 1984 के सिख-विरोधी दंगे कांगेस के राज में हुए।
(2)2002 में गुजरात में मुसलमान विरोधी हिंसा का अभूतपूर्व पैमाने पर व्यापक दौर भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में चला ।
भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भी औपनिवेशिक शासकों के कारणवश दंगे होते रहे हैं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भी भारत में कई स्थानों पर साम्प्रदायिक दंगों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
प्रश्न 11. फसिद विवाह क्या है?
उत्तर-फसिद विवाह वैध विवाह नहीं है लेकिन सभी बंधनों को तोड़कर शादी कर लेने पर वैध हो जाता है। इनके बच्चे को पैतृक अधिकार नहीं मिलता ।
प्रश्न 12. लड़कियों की दो समस्याओं की विवेचना करें।
उत्तर-लड़कियों की दो समस्याएँ निम्नलिखित हैं
(1) आज समाज में लड़कियों को पराया धन समझा जाता है । लड़कियों को अपनी संतान के नजरिए से न देखकर लड़का और लड़की में अंतर किया जाता है।
(2) बेटियों के विवाह के दौरान माँ-बाप को काफी दहेज देना पड़ता है। यदि गरीब माँ-बाप हों तो वे दहेज देने में सक्षम नहीं हो पाते जिससे बेटियों को बोझ समझा जाता है। .
प्रश्न 13. धर्म क्या है?
उत्तर-धर्म का अर्थ होता है धारण अर्थात् जिसे धारण किया जा सके, धर्म कर्म प्रधान है। गुणों को जो प्रदर्शित करे वह धर्म है। धर्म को गुण भी कह सकते हैं। धर्म कर्म प्रधान है। गुणों को जो प्रदर्शित करे वह धर्म है। धर्म को गुण भी कह सकते हैं। धर्म सार्वभौमिक होता है। यानि प्रत्येक काल और युग में समान रहता है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध धर्म नहीं है बल्कि सम्प्रदाय है।
प्रश्न 14. सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया का उल्लेख करें।
उत्तर-सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया का संबंध सामाजिक संबंधों तथा समाज की व्यवस्था में होने वाले परिवर्तन से है। गिलिन तथा गिलिन के अनुसार, “सामाजिक परिवर्तन जीवन के स्वीकृत प्रकारों में परिवर्तन है। भले ही ये परिवर्तन भौगोलिक दशाओं में हुए हों या सांस्कृत साधनों पर जनसंख्या की रचना या सिद्धान्तों के परिवर्तन से हुए हों, या प्रचार से या जन समूह के अंदर आविष्कार से हुए हों।”
जॉनसन के अनुसार, “सामाजिक परिवर्तन से तात्पर्य सामाजिक ढाँचे में परिवर्तन से है।” प्रत्येक परिवर्तन सामाजिक परिवर्तन नहीं कहलाता वरन केवल सामाजिक संबंधों, सामाजिक संस्थाओं तथा संस्थाओं के परस्पर संबंधों में होने वाले परिवर्तन ही समाजिक परिवर्तन की श्रेणी में आते हैं।
प्रश्न 15. तस्करी क्या है?
उत्तर-तस्करी अवैध रूप से सामान या व्यक्तियों के एक देश से दूसरे देश के परिवहन को कहते हैं। तस्करी करने वाले व्यक्ति को तस्कर कहते हैं ।
तस्करी की अभिप्रेरणा के विभिन्न कारण हैं जिनमें आर्थिक लाभ प्रधान कारण है। इसके अंतर्गत नशीले पदार्थों का लाना-ले जाना, व्यक्तियों का अवैध प्रवास करवाना, कर की चोरी, कारागार के अंदर कैदी को प्रतिबन्धित वस्तुएँ पहुँचाना रा तस्करी की जाने वाली वस्तु आदि विषय आते हैं। हवाई अड्डे पर विदेश से खरीदी वस्तु का सीमा शुल्क जमा न करना भी तस्करी की परिधि में आता है।
प्रश्न 16. अर्द्ध बेरोजगारी क्या है?
उत्तर-यदि कोई व्यक्ति पूरे सप्ताह काम नहीं करता और एक निश्चित धनराशि से कम आय करता है, तो ऐसी स्थिति को अर्द्ध बेरोजगारी कहा जाता है।
प्रश्न 17. मादक द्रव्य व्यसन क्या है?
उत्तर-मादक द्रव्य वैसे पदार्थ को कहते हैं जिनके सेवन से नशे का अनुभव होता है तथा लगातार सेवन करने से व्यक्ति उसका आदी बन जाता है।
हमारे समाज में कई प्रकार के मादक द्रव्यों का प्रचलन है जैसे-शराब, हीस्की, रम, बियर, महुआ, हंडिया आदि सामाजिक मान्यता प्राप्त वैध पदार्थ हैं। अनेक अवैध पदार्थ भी काफी प्रचलित हैं जैसे भांग, चरस, हेरोइन, ब्राउन सुगर तथा कोकीन आदि।
डाक्टरों द्वारा नींद के लिए चिन्ता या तनाव के लिए लिखी दवाइयों का उपयोग भी मादक द्रव्यों के रूप में होता है।
प्रश्न 18. अल्पसंख्यक किसे कहा जाता है?
उत्तर-अल्पसंख्यक उस समुदाय को माना जाता है, जिसे अल्पसंख्यक कानून के तहत केन्द्र की सरकार अधिसूचित करती है भारत में मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई, परसी और जैन समुदाय को अल्पसंख्यक के तौर पर अधिसूचित किया गया है।
प्रश्न 19. भ्रष्टाचार क्या है ?
उत्तर-अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल कर दूसरों से कुछ फायदा प्राप्त करना भ्रष्टाचार कहलाता है। देश और व्यक्ति के विकास में ये अवरोध का एक बड़ा कारक बनता जा रहा है।
भ्रष्टाचार एक जहर है जो देश, संप्रदाय और समाज के गलत लोगों के दिमाग में फैला होता है। इसमें केवल छोटी-सी इच्छा और अनुचित लाभ के लिए सामान्य जन के संसाधनों की बरबादी की जाती है। इसका संबंध किसी के द्वारा अपनी ताकत और पद का गैरजरूरी और गलत इस्तेमाल करना है फिर चाहे वे सरकारी या गैर-सरकारी संस्था हो।
प्रश्न 20. सरपंच के दो कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-सरपंच के दो कार्य निम्नलिखित हैं
(1) सरपंच ग्राम कचहरी का प्रधान होता है। वह न्यायिक मामले की सुनवाई करता है और अपना फैसला सुनाता है।
(2) गांव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए शांति दल का गठन करता है।
प्रश्न 21. हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-हरित क्रांति खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रयुक्त की गई नई तकनीक थी। जिसके अंतर्गत अपने देश की कृषि में आधुनिक विकास के लिए मुख्यतः नए कीटनाशक और रासायनिक उर्वर का प्रयोग एवं उपकरणों के प्रयोग के परिणामस्वरूप अनाजों के उत्पादन में वृद्धि हुई जिसे क्रांति के कारण विभिन्न वर्गों और देश के अलग-अलग इलाकों के बीच अधीकरण तेज हुआ । खेतिहार पैदावार में सामान्य किस्म का इजाफा हुआ । इसने पंजाब, हरियाणा, यू०पी० जैसे राज्यों को प्रभावित किया ।
प्रश्न 22. लिंग विभेदीकरण पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लिंग-विभेद-लिंग भेद का अर्थ है स्त्री और पुरुष के बीच लिंग के आधार पर पाया जाने वाला विभेदीकरण, असमानता तथा असमान व्यवहार। कहने को सभी समाजों में विशेषकर लोकतांत्रिक समाजों में स्त्री
और पुरुष को समान घोषित किया जाता है और उनके लिए समान अवसरों, अधिकारों तथा सुविधाओं की घोषणा की गई है परन्तु व्यावहारिक दृष्टि से दोनों में भेद किया जाता है। स्त्री को पुरुष के मुकाबले दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है, उन्हें राजनीतिक सत्ता में समान भागीदारी प्राप्त नहीं, अधिकार और प्रतिष्ठा की दृष्टि से भी पुरुष की स्थिति उच्च स्तरीय मानी जाती है। सरकार के महत्त्वपूर्ण पदों पर पुरुष ही नियुक्त किए जाते हैं और इस प्रकार लिंग विभेद सामाजिक असमानता तथा सामाजिक स्तरीकरण का एक आधार है।
प्रश्न 23. भारत में उपनिवेशवाद से आए किन्हीं दो परिवर्तनों का उल्लेख करें।
उत्तर-उपनिवेशवाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में गहरे बदलाव आए जिससे उत्पादन, कृषि, व्यापार में एक अभूतपूर्व विघटन हुआ । इससे हस्तकरघा के काम की बिल्कुल ही समाप्ति हो गई । इसका कारण था कि उस वक्त के बाजारों में इंग्लैण्ड से सस्ते बने कपड़ों की भरमार लग गई थी। हालाँकि भारत में उपनिवेश के दौर से पहले ही एक जटिल मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था थी । ज्यादातर इतिहासकार उपनिवेश काल को एक संधिकाल के रूप में देखते हैं । उपनिवेश काल के दौरान, भारत विश्व की पूँजीवादी अर्थव्यवस्था से जुड़ गया । अंग्रेजी राज से पहले भारत से सिर्फ बने-बनाए सामानों का निर्यात होता था, परन्तु उपनिवेशवाद के बाद भारत, कच्चे माल
और कृषक उत्पादों का स्रोत और उत्पादित सामानों का उपभोक्ता बन गया। ये दोनों कार्य इंग्लैण्ड के उद्योगों को लाभ पहुँचाने के लिए किए गए । उसी समय नए समूहों का व्यापार और व्यवसाय में आना हुआ । ये समूह पहले से जमे हुए व्यापारिक समुदायों से मेल-जोल कर अपना व्यापार शुरू करते थे या कभी उन समुदायों को उनका व्यापार छोड़ने को मजबूर करते थे । भारत में अर्थव्यवस्था के विस्तार में कुछ व्यापारिक समुदायों को नए अवसर प्रदान किए गए । उपनिवेशवाद द्वारा प्रदान किए गए आर्थिक सुअवसरों का लाभ उठाने के लिए नए समुदायों का जन्म हुआ जिन्होंने स्वतन्त्रता के बाद भी आर्थिक शक्ति को बनाए रखा । इसका सफल उदाहरण है-माड़वाड़ी ।
प्रश्न 24. वर्ग की अवधारणा को समझाएँ।
उत्तर-जब जन्म के अतिरिक्त समाज किसी आधार पर विभिन्न समूहा म बट जाता है तो इस प्रकार के समहों को सामाजिक वर्ग कहा जाता है । इस प्रकार का विभाजन प्रत्येक समाज में पाया जाता है। कुछ भी हो, विभिन्न विचारों की परिभाषाओं से वर्ग की धारणा पर्याप्त स्पष्ट हो जाएगा। . 1. मैकाइवर और पेज-“सामाजिक वर्ग एक समुदाय का कोई भाग जो सामाजिक स्थिति के आधार पर शेष भाग से पृथक किया जा सक ।”
- ऑगबर्न तथा निमकॉफ-“सामाजिक वर्ग उन व्यक्तियों के समुदाय को कहते हैं, जिनकी किसी समाज में सामाजिक स्थिति आवश्यक रूप से एक समान होती है।
प्रश्न 25. समुदाय को परिभाषित करें।
उत्तर-किसी भी ऐसे विशिष्ट समह के लिए प्रयुक्त सामान्य शब्द जिसके सदस्य सचेतन रूप से मान्यता प्राप्त समानताओं और नातेदारी के बंधनों, भाषा, संस्कृति आदि के कारण आपस में जुड़े हों । इन समानताओं में विश्वास उनके अस्तित्व के वास्तविक प्रमाण से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होता है।
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