Class 12th SOCIOLOGY Subjective Question Answer 2 2022 Pdf Download

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आज के इस post में आप सभी के लिए Class 12 SOCIOLOGY का subjective Question Paper -2यानि Question Bank 2021 (subjective Question), (Short Question ) (Long Question ) SOCIOLOGY Question Paper 2021 Class 12 pdf With Answer In Hindi Medium Class 12 SOCIOLOGY Sample Paper 2021 – 22 in Hindi Pdf Download

 

प्रश्न 1. मध्यम वर्ग किसे कहते हैं ?

उत्तर-मध्यम वर्ग से तात्पर्य न अधिक अमीर न ज्यादा गरीब वर्ग से है। मध्यम वर्ग की आय सामान्य जीवन-यापन करने भर की रहती है। उनके पास छोटी जोत एवं पशु होते हैं। वे छोटी-मोटी नौकरी या व्यवसाय करते हैं।

 

प्रश्न 2. नव-उपनिवेशवाद क्या है ?

उत्तर-लोकतंत्र तथा स्वतंत्र प्रभुसत्ता के वर्तमान युग में कोई भी देश दूसरे देश पर अधिकार नहीं कर सकता। इसके बाद भी आज विकसित और शक्तिशाली देश अपनी आर्थिक और सैन्य शक्ति के द्वारा कमजोर देश को अपनी शर्ते मानने के लिए बाध्य कर रहे हैं। उस दशा को नव उपनिवेशवाद कहा जाता है। । नव उपनिवेशवाद शक्ति के विस्तार का वह तरीका जिसके द्वारा शक्तिशाली देश कमजोर देश की उस तरह के समझौते तथा आर्थिक व्यवस्थाएँ लागू करने के लिए बाध्य करते हैं जिससे विकसित राज्यों की शक्ति का पहले से अधिक विस्तार हो जाए।

 

प्रश्न 3. भारतीय जाति व्यवस्था पर पड़नेवाले औद्योगिकीकरण के प्रभावों का उल्लेख करें।

उत्तर-औद्योगिकीकरण को भारतीय जाति व्यवस्था की संरचना में | परिवर्तन लाने वाली एक प्रमुख प्रक्रिया इस कारण माना जाता है कि इसके

फलस्वरूप भारत के सामाजिक, आर्थिक, .

भारत के सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और ग्रामीण जीवन में व्यापक परिवर्तन हुए है। हमारे घरेल जीवन से लेकर बाहरी दुनिया तक । खेत और खतिहानों से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार तक जीवन सल दुनिया तक तथा खेत और खलिहानों से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार तक जा का काई क्षेत्र ऐसा नहीं हैं जिसमें औद्योगिकीकरण ने कुछ ने कुछ परिवर्तन न किया हो।

भारतीय जाति व्यवस्था पर पड़नेवाले औद्योगिकीकरण के प्रभाव निम्नलिखित है-(i) सामाजिक संरचना में परिवर्तन (ii) सामाजिक नियंत्रण का व्यवस्था (iii) आर्थिक जीवन में परिवर्तन (iv) धार्मिक जीवन में परिवर्तन

 

प्रश्न 4. पूर्ण बाजार एवं अपूर्ण बाजार की विशेषताएँ बताइए।

उत्तर-पूर्ण बाजार-पूर्ण बाजार वह है जिसमें क्रेता और विक्रता बड़ी सख्या में होते हैं, उन्हें बाजार का पर्ण ज्ञान होता है. तथा उनमें पूर्ण प्रतियोगिता पाई जाती है। इसके कारण वस्तु का मूल्य एक ही रहता है। यह एक काल्पनिक बाजार होता है तथा व्यवहार में नहीं पाया जाता।

अपूर्ण बाजार-अपूर्ण बाजार में पूर्ण प्रतियोगिता का अभाव पाया जाता है, विक्रेताओं की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है, उन्हें बाजार का पूर्ण ज्ञान नहीं होता तथा बाजार में वस्तु-विभेद एवं गैर-कीमत प्रतियोगिता पाई जाती है। इनमें वस्तुओं का मूल्य भी एक समय पर एक नहीं होता है।

 

प्रश्न 5. भारतीय समाज में लिंग-भेद के परिणामों की चर्चा करें।

उत्तर-भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में एक प्रमुख समाजशास्त्रीय तथ्य यहाँ की जाति व्यवस्था तथ उससे उत्पन्न होने वाले जातिगत भेदभाव रहे हैं। भारतीय समाज में लिंग-भेद के परिणाम काफी रहे हैं। एक जाति दूसरे जाति की प्रति अपने सम्पर्क में अपने की अनुमति नहीं दी जाती थी। प्रत्येक जाति अपनी संस्कृति, खान-पान, सामाजिक सम्पर्क के सम्बन्धों, व्यवसायों, विवाह और छुआछूत के आधार पर एक-दूसरे से अलग समुदाय था। इसके परिणाम के अन्तर्गत नजदीकी देशों द्वारा काफी फायदा उठाया जाने लगा था।

 

प्रश्न 6. साम्प्रदायिकता को परिभाषित करें।

उत्तर-साम्प्रदायिकता का अर्थ एक साम्प्रदायिक व्यक्ति अथवा समूह वह जो अपने धार्मिक या भाषा-भाषी समूह को एक ऐसी पृथक् राजनीतिक तथा सामाजिक इकाई के रूप देखना है जिसके हित दूसरे समूहों से पृथक होते हैं ओर जो अक्सर उनके विरोधी भी हो सकते हैं।

 

प्रश्न 7. अनेकता में एकता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-भारत संस्कृतिक दृष्टि से एक विविधतापूर्ण राष्ट्र है। यहाँ विभिन्न धर्मों, भाषाओं, जातियों जनजातियों, संस्कृतियों के लोग निवास करते हैं किन्तु इन विविधताओं के बावजूद भारत की अखण्डता अक्षुण्ण हैं। इसलिए कहा जाता है कि भारत में अनेकता में एक विद्यमान है।

 

प्रश्न 8. क्षेत्रवाद और पृथकतावाद में अंतर स्पष्ट कीजिए। उत्तर-क्षेत्रवाद तथा पृथकतावाद में अंतर इस प्रकार हैं

क्षेत्रवाद-इसका अर्थ है किसी निश्चित क्षेत्र में रहने वाले लोग जो अपनी विशिष्ट भाषा, रीति-रिवाज, धर्म आदि के कारण स्वयं को देश के अन्य लोगों से भिन्न समझते हों तथा अपने क्षेत्र के विकास की कामना तथा प्रयत्न करना । भारत में अधिकतर क्षेत्र भाषा के आधार पर ही बने हुए हैं। भाषा के आधार पर ही अनेक राज्य बनाए गए हैं। जैसे पंजाब और हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात । इसी प्रकार नदी जल के बँटवारे के बारे में या भारत सरकार द्वारा लगाए जाने वाले किसी बड़े योजना कार्य को अपने क्षेत्र में लगवाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष हो जाता है परंतु क्षेत्रवाद राष्ट्र की मुख्यधारा से अलग नहीं होना चाहता।

पृथकतावाद-पृथकतावाद राष्ट्रीय एकता और अखंडता, स्वतंत्रता तथा संप्रभता के लिए चुनौती होता है । वह राष्ट्र की मुख्यधारा से बिल्कुल अलग होकर अपने लिए एक स्वतंत्र सार्वभौम राज्य की माँग करता है।

 

प्रश्न 9. विश्व व्यापार संगठन से क्या अभिप्राय है?

उत्तर-यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों में स्थापित किया गया है। यह 1995 ई. में स्थापित हुआ और इसका मख्यालय जेनेवा में है। यह विभिन्न कानूनों और नीतियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सेवाओं का नियमन करता है।

विश्व व्यापाटीय संगठन है जिसे सब हुआ और इसका

 

प्रश्न 10. आधुनिकीकरण की प्रमुख विशेषताओं की चर्चा करें।

उत्तर-भारतीय समाज की संरचना में परिवर्तन लाने वाली एक अन्य प्रक्रिया आधुनिकीकरण है। जब किसी समाज में धार्मिक विश्वासों की जगह वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रभाव बढ़ने लगता है, पारलौकिक जीवन की जगह हम वर्तमान जीवन की सफलता को अधिक महत्त्वपूर्ण मानते हैं, कुटीर उद्योगों की जगह प्रौद्योगिक विकास होने लगता है, जीवन में तर्क का महत्त्व बढ़ने लगता है और शुभ-अशुभ की जगह उपयोगी ढंग से व्यवहार करना अधिक महत्त्वपूर्ण माना जाने लगता है, इस दशा को हम आधुनिकीकरण कहते हैं।

 

प्रश्न 11. भारत में नगरीकरण की प्रमुख प्रवृत्ति की चर्चा करें।

उत्तर-भारत में नगरीकरण की प्रक्रिया में काफी तेजी से आयी जब उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम समय से ब्रिटिश शासन द्वारा भारत में यातायात के साधनों वृद्धि की जाने लगी। धीरे-धीरे देश के सभी हिस्सों में यातायात के साधनों से जोड़ा जाने लगा। फलस्वरूप ग्रामीणों का नगरों से सम्पर्क बढने लगा। भारत में औद्योगिकीकरण बढ़ने लगे, नगरीकरण का विकास होने लगा। बहुत से ग्रामीण ने रोजगार की तलाश में नगरों की ओर प्रवास करना आरम्भ कर दिया।

 

प्रश्न 12. पश्चिमीकरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-एम. एन. श्रीनिवास ने भारत में 150 वर्षों के ब्रिटिश शासन के फलस्वरूप यहाँ की संस्कृति में होने वाले परिवर्तनों के लिए पश्चिमीकरण शब्द का प्रयोग किया। पश्चिमीकरण एक तटस्थ अवधारणा है, क्योंकि इससे उत्पन्न होने वाले परिवर्तनों को पहले की तुलना में अच्छा या बुरा नहीं कहा जा सकता । सामाजिक समानता, सामाजिक न्याय, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मानवीय अधिकारों के प्रति चेतना, तर्कपूर्ण व्यवहार तथा भौतिक विकास पश्चिमीकरण के प्रमुख आधार हैं। यह सभी विशेषताएँ भारत की परम्परागत सांस्कृतिक विशेषताओं से भिन्न हैं। इस प्रकार पश्चिमीकरण में वृद्धि होने के साथ ही भारत की परम्परागत सांस्कृतिक विशेषताओं में व्यापक परिवर्तन होने लगे।

 

प्रश्न 13. निजीकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर-सामान्य रूप से निजी क्षेत्र में या निजी व्यक्तियों के समूह जब उद्योग-धन्धे चलाते हैं साथ ही सरकार द्वारा इसे उद्योग-धन्धे और वाणिज्य व्यापार चलाने के लिए स्वतंत्रता दी जाती है तो यह प्रक्रिया निजीकरण कहलाती है।

 

प्रश्न 14. दबाव-समूह पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर-दबाव-समूह एक ऐसा संगठित समूह हैं जिसमें समान हित एवं अधिकार से जुड़े लोग सम्मिलित होते हैं। इस समूह के द्वारा सरकारी तथा गैर-सरकारी निर्णयों एवं नीतियों को प्रभावित करने का प्रत्यन किया जाता है तथा यह समूह अपने सदस्यों के हितों एवं अधिकारों की रक्षा से जुड़ा होता है। दबाव समूह अपने प्रभाव द्वारा लोकतांत्रिक राज्य की राजनीतिक प्रक्रिया पर दबाव डालता है।

 

प्रश्न 15.रैयतवाड़ी प्रथा से क्या अभिप्राय है?

उत्तर-लॉर्ड विलियम बैंटिक ने रैयतवाड़ी प्रथा चलाई। इसमें रैयत भूमिधारी जोतदार या कृषक थे। इनका सीधा संबंध ब्रिटिश सरकार के साथ्न था। पहला रैयतवाड़ी बंदोबस्त सन् 1792 में मद्रास में लागू हुआ। इसमें रैयतों को जमीनों के अनुपात में निर्धारित किराया या लगान सीधे सरकार को देना पड़ता था।

 

प्रश्न 16. भूमंडलीकरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-जब आर्थिक और सामाजिक स्तर पर विश्व के बहुत से देश एक-दूसरे से जुड़ने लगते हैं तब इस प्रक्रिया को भूमण्डलीकरण कहते हैं। सभी देश एक-दूसरे की प्रौद्योगिकी और अनुभवों का लाभ उठाकर अपना आर्थिक विकास करने लगते हैं तब इस दशा को भूमण्डलीकरण कहते हैं।

 

प्रश्न 17.हरित क्रांति से क्या अभिप्राय है?

उत्तर-सामान्य तौर पर हरित क्रांति का अभिप्राय कृषि व्यवसाय में क्रांतिकारी नीतियों द्वारा सर्वांगीण विकास से है और इसका अंतिम लक्ष्य कृषि फसलों का अधिकतम उत्पादन होता है। हरित क्रांति कृषि व्यवसाय में अधिक

 

 

प्रश्न 18. भारतीय समाज में भूमि-सुधार के प्रमख कदमों की चर्चा करें।

उत्तर-स्वतंत्रता-प्राप्ति के पश्चात् भूमि सधार कार्यक्रमों का उल्लेख निम्नलिखित हैं-(i) जमींदारी प्रथा समाप्त कर बिचौलियों का उन्मूलन करना।

(ii) काश्तकारी सुधार जिसमें नियमित मजदूरी, काश्तकारी सुरक्षा, काश्तकारों को भूमि खरीदने का अधिकार आदि ।

(iii) कृषि भूमि की उच्चतम सीमा का निर्धारण करना । (iv) जोत की चकबंदी करना। (v) भू-अभिलेखों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण करना ।

 

प्रश्न 19. भारत में हरित क्रांति की प्रमुख विशेषताओं की चर्चा करें।

उत्तर-भारत में हरित क्रांति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नांकित हैं(i) अधिक उपज देनेवाली फसलों के कार्यक्रम लागू किए गए। (i) बहुफसल कार्यक्रम आरम्भ किया गया। .

(ii) हरित क्रांति के लिए जरूरी था कि खेती वर्षा पर निर्भर न रहे । इसके लिए बड़ी-छोटी सिंचाई की योजनाएं बनायी गयी।

(iv) सरकार द्वारा रासायनिक खादों के उपयोग पर बल दिया गया।

(v) कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए नई तकनीक तथा कृषकों को प्रशिक्षण दिया गया।

(vi) उन्नत किस्म के बीजों की व्यवस्था की गई।

(vii) किसानों को उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा कृषि-मूल्य आयोग की स्थापना की गई।

 

प्रश्न 20. लघु उद्योग किसे कहते हैं?

उत्तर-लघु उद्योगों को निवेश की मात्रा के आधार पर परिभाषित किया जाता है। समय-समय पर निवेश की मात्रा में परिवर्तन किया जाता है। 1950 ई. में उस उद्योग को लघु उद्योग कहा जाता था जिसमें अधिकतम निवेश 5,00,000 रुपये हैं। वर्तमान समय में इस सीमा को बढ़ाकर एक

निवेश 5,00,000 गया है।

अभिप्राय है?

कार। यह राज्य औ

 

प्रश्न 21. भूधारण से क्या अभिप्राय है?

उत्तर-भूमि अथवा अन्य संपत्ति का कानूनी अधिकार । यह राज्य और प्रशासन को राजस्व एकत्रित करने में सहायक होता है। भारत में स्वतंत्रता से पूर्व रैयतवाड़ी महालवाड़ी तथा जमींदारी भू-धारण की व्यवस्थाएँ थीं जो कि स्वतंत्रता-पूर्व भारत में थीं।

 

प्रश्न 22. मनोरंजन क्रांति क्या है ?

उत्तर-मनोरंजन संचार का अत्यंत महत्त्वपूर्ण कार्य है। लोग न केवल फिल्मों से मनोरंजन करते हैं बल्कि जन संचार द्वारा दी गई सूचनाओं से भी मनोरंजन करते हैं। स्थानीय समाचार कार्यक्रम हिंसक, अपराधों तथा खेलकुद विषयों का विवरण देकर लोगों को सूचनाएँ तो देते ही हैं साथ ही उनका गनोरंजन भी करते हैं। टेलीविजन चैनल लोगों को संगीत नृत्य, खेलकूद अभिनय आदि के द्वारा भरपूर मनोरंजन करते हैं। टेलीविजन अकेला ही दृश्य और श्रव्य मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन बन गया है। संसार के विभिन्न क्षेत्रों में घटने वाली घटनाओं को टेलीविजन उसी समय हमें दिखा देता है जब वे घटित हो रही हैं। अब सामान्य व्यक्ति भी संसार के विभिन्न भागों में घटित सूचनाओं से अपना मनोरंजन करने में समर्थ हैं।

 

प्रश्न 23. पर्यावरण विनाश पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर-मानव ने सभ्यता के विकास के साथ प्राकृतिक संसाधनों यथा मिट्टी, जीव जन्तु, वन, परिवर्तित हो गया है। इसके परिणामस्वरूप एक ओर था तो हमारे प्राकृतिक संसाधन विलुप्त हो रहे हैं. या प्रकृति का स्वाभाविक संतुलन बिगड़ता जा रहा है। यह दोनों ही स्थिति मानव सभ्यता और मानव जाति के अस्तित्व के लिए अत्यन्त ही घातक है औद्योगिकीकरण के फलस्वरूप वायुमण्डल में उत्सर्जित; जैसे-CO, आदि पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पर्यावरण विनाश के कारण पृथ्वी के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। मानव अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी है।

 

प्रश्न 24. नगरीकरण का जाति व्यवस्था पर क्या प्रभाव है?

उत्तर-नगरीकरण के साथ साथ जाति व्यवस्था में काफी परिवर्तन हुए हैं जो इस प्रकार हैं

(1) जाति तथा व्यवसाय के बीच की कडी काफी कमजोर हुई है। इसके सम्बन्ध व्यवसाय से अधिक मजबूत नहीं रहे हैं।

(2) जाति तथा आर्थिक स्थिति के सह संबंध काफी कमजोर हुए हैं अर्थात् आज गरीब व अमीर लोग हर जाति में पाए जाते हैं ।

(3) पहले की अपेक्षा अब जाति में व्यवसाय परिवर्तन आसान हो गया है, अर्थात् अब एक जाति का व्यक्ति दूसरे व्यवसाय को भी अपना सकता है।

 

प्रश्न 25. भारत में लैंगिक विषमता के प्रमुख आधारों का उल्लेख करें।

उत्तर-लिंग-भेद सामाजिक स्तरीकरण का एक प्रमुख आधार है। लिंग-भेद पर आधारित सामाजिक स्तरीकरण के कारण नारीवाद से संबंधित कई दृष्टिकोण प्रस्तुत किये गये हैं। जैसे-आमूल परिवर्तनवादी, नारीवाद, समाजवादी, नारीवाद तथा उदारवादी नारीवाद । कुछ अन्य सिद्धांतों के आधार पर भी लिंग-भेद विश्लेषण किया जाता है। भारतवर्ष में पितृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था इसका मुख्य कारण रहा है।

 

 

 

 

 

 

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