Class 12th SOCIOLOGY Subjective Question Answer 1 2022 Pdf Download

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प्रश्न 1. भारतीय संस्कति की दो विशेषताओं की विवेचना करें।

उत्तर-भारतीय संस्कृति की दो विशेषताएँ निम्नलिखित हैं  प्राचीनता-भारतीय संस्कति विश्व की प्राचीनतम संस्कति में से एक है। मध्य प्रदेश के भीमबेटका में पाये गये शैलचित्र, नर्मदाघाटी में की गई खुदाई तथा कुछ अन्य नवंशीय पुरातत्वीय प्रमाणों से यह सिद्ध हो चुका है कि भारत भूमि आदि मानव की प्राचीनतम कर्मभूमि रही है। सिंधुघाटी सभ्यता के विवरणों से भी प्रमाणित होता है कि आज से लगभग पाँच हजार साल पहले उत्तरी भारत के बहुत बड़े भाग में एक उच्चकोटि की संस्कृति का विकास हो चुका था।

निरन्तरता-भारतीय संस्कृति की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि हजारों वर्षों के बाद भी यह संस्कृति आज भी अपने मूल स्वरूप में जीवित है, जबकि मिस्र, असीरिया, यूनान और रोम की संस्कृतियों अपने मूल स्वरूप को लगभग विस्मृत कर चुकी है। भारत में नदियों, वट, पीपल जैसे वृक्षों, सूर्य तथा अन्य प्राकृतिक देवी देवताओं की पूजा अर्चना का क्रम शताब्दियों से चला आ रहा है। देवताओं की मान्यता, हवन और पूजा-पाठ की पद्धतियों की निरन्तरता भी आज तक अप्रभावित रही है।

 

प्रश्न 2. एड्स से आप कया समझते हैं ?

उत्तर-एच. आई. वी. या मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु एक विषाणु है जो शरीर को रोग प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रहार करता है और संक्रमणों के प्रति उसकी प्रतिरोध क्षमता को धीरे-धीरे कम करता जाता है। यह लाइलाज बीमारी एड्स का कारण है। एच. आई. वी का संक्रमण रक्त के अंतरण, वीर्य, योनिक द्रव स्खलन द्रव या माँ के दूध से होता है।

 

प्रश्न 3. भारत में नगरीकरण की प्रमुख प्रवृत्ति की चर्चा करें।

उत्तर-भारत में नगरीकरण की प्रक्रिया में काफी तेज आयी जब उन्नसवीं शताब्दी की अन्तिम सयम से ब्रिटिश शासन द्वारा भारत में यातायात के साधनों वृद्धि की जाने लगी। धीरे-धीरे देश के सभी हिस्सों में यातायात के साधनों से जोड़ा जाने लगा। फलस्वरूप ग्रामीणों का नगरों से सम्पर्क बढ़ने लगा। भारत में औद्योगिकरण बढ़ने लगे, नगरीकरण का विकास होने लगा। बहुत से ग्रामीण ने रोजगार की तलाश में नगरों की ओर प्रवास करना आरम्भ कर दिया।

 

प्रश्न 4. भारतीय जाति व्यवस्था पर औद्योगीकरण के प्रभावों का उल्लेख करें।

उत्तर-औद्योगिकीकरण को भारतीय जाति व्यवस्था की संरचना में परिवर्तन लाने वाली एक प्रमुख प्रक्रिया इस कारण माना जाता है कि इसके फलस्वरूप भारत के सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और ग्रामीण जीवन में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। हमारे घरेलू जीवन से लेकर बाहरी दुनिया तक तथा खेत और खलिहानों से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार तक जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसमें औद्योगिकीकरण ने कुछ न कुछ परिवर्तन न किया हो।

भारतीय जाति व्यवस्था पर पड़नेवाले औद्योगिकरण के प्रभाव निम्नलिखित हैं(1) सामाजिक संरचना में परिवर्तन (2) सामाजिक नियंत्रणकी व्यवस्था (3) आर्थिक जीवन में परिवर्तन (4) धार्मिक जीवन में परिवर्तन (5) ग्रामीण जीवन में परिवर्तन

 

प्रश्न 5.भारतीय समाज में धर्म-निरपेक्षता के महत्व की चर्चा करें।

उत्तर-भारतीय समाज में धर्म निरपेक्षता के क्रियान्वयन में कुछ ऐसे दोष है जिनसे यहाँ साम्प्रदायिक तनाव को प्रोत्साहन भिन्न है। वर्तमान स्थिति यह है कि भारत में हिन्दुओं, मुसलमानों तथा ईसाइयों के लिए सामाजिक कानून पृथक्-पृथक् है। इसके फलस्वरूप विभिन्न धार्मिक समूहों में न केवल सामाजिक दूरी बनी रहती है बल्कि सभी धार्मिक समूहों का यह प्रयल रहता है कि वे धर्म के आधार पर अधिक से अधिक संगठित होकर अपने लिए एक पथक सामाजिक व्यवस्था की मांग कर सकें। इसके फलस्वरूप हमारा राष्ट्र मूल रूप से ही अनेक आत्म-केन्द्रित टुकड़ों में विभाजित हो जाता है।

 

प्रश्न 6. भारतीय समाज में लिंग-भेद के परिणामों की चर्चा करें।

उत्तर-भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में एक प्रमुख समाजशास्रीय तथ्य यहाँ की जाति व्यवस्था तथा उसने उत्पन्न होने वाले जातिगत भेदभाव रहे हैं। एक जाति दूसरे जाति दी थी। प्रत्येक जाति व्यवसायों, विवाद । इसके परिणाम तथा पश्चिमीकरण

भारतीय समाज में लिंग-भेद के परिणाम काफी रहे हैं। एक जाति की प्रति अपने सम्पर्क में आने की अनुमति नहीं दी जाती थी। अपनी संस्कृति, खान-पान, सामाजिक सम्पर्क के सम्बन्धों, व्यवसाय और छुआछत के आधार पर एक-दूसरे से अलग समुदाय था। इसके के अन्तर्गत नजदीकी देशों द्वारा काफी फायदा उठाया जाने लगा

 

प्रश्न 7. पश्चिमीकरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-पश्चिमीकरण वह प्रक्रिया है जो पश्चिमी संस्कतिले होनेवाले प्रभावों को स्पष्ट करती है। यदि हम संस्कृतिकरण तथा पश्चिा से तलना करें तो अस्पष्ट हो जाता है कि संस्कृतिकरण भारतीय समा अन्दर ही विकसित होनेवाले परिवर्तन का एक विशेष कारक है.. पश्मिीकरण वह प्रक्रिया है जो एक बाहरी दशा के रूप में भारत की सांस विशेषताओं में होनेवाले परिवर्तन को स्पष्ट करती है।

 

प्रश्न 8. आदिम समाज में युवागृह के महत्व का वर्णनन करें।

उत्तर-आदिम समाज में लड़के-लड़कियों के सामाजीकरण की प्रक्रिया एक प्रमुख अभिकरण के रूप में युवा गृह का प्रकार्यात्मक महत्व है। यवा” आदि सामाजिक संरचना का एक विशिष्ट स्वरूप है। सामाजिक मानवशास्त्री अध्ययन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि संध्याकाल आरम्भ होते ही लड़के-लड़कियाँ युवा ग्रहों में कदम रखते हैं और वहीं रात व्यतीत करते हैं। यहाँ उन्हें सांस्कृतिक मूल्यों, आदिम कानूनों एवं धार्मिक त्योहारों के सम्बन्ध जानकारियाँ दी जाती हैं। उन्हें नृत्य तथा संगीत का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। विभिन्न जनजातीय समाज में युवागृहों को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है। डॉ० मजूमदार का कहना है कि युवा गृह की सदस्यता एक निश्चित आय पूरी होने के बाद सभी के लिए अनिवार्य है। यह सामूहिक चेतना तथा शक्ति का प्रतीक है। उरांव जनजाति में युवागृह को घूमंकुरिया कहते हैं।

 

प्रश्न 9. एकाकी परिवार क्या है?

उत्तर-एकाकी परिवार-परिवार का सबसे छोटो रूप है जिसमें केवल पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे रहते हैं। भारत में औद्योगिकरण तथा नगरीकरण में वृद्धि होने के साथ धीरे-धीरे ऐसे परिवारों की संख्या बढ़ती जाती है।

 

प्रश्न 10. निजीकरण की व्याख्या करें।

उत्तर-सामान्य रूप से निजी क्षेत्र में या निजी व्यक्तियों के समूह जब उद्योग-धंधे चलाते हैं साथ ही सरकार द्वारा इसे उद्योग-धंधे और वाणिज्य व्यापार चलाने के लिए स्वतंत्रता दी जाती है तो यह प्रक्रिया निजीकरण कहलाती है।

 

प्रश्न 11. प्रधानमंत्री रोजगार योजना क्या है? 

उत्तर-शिक्षित बेरोजगारी को स्वनियोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री योजना भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 1993 से प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत बेरोजगार युवक/युवतियों को बैंकों से ऋण उपलब्ध कराकर स्वनियोजन का अवसर उपलब्ध कराया जा सकता है।

 

प्रश्न 12. दलित आन्दोलन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-प्राचीन काल से ही भारत में दलितों की स्थिति काफी दयनीय या अमानीय थी। वे उस सामाजिक व्यवस्था को पूर्व जन्म की नियति को मानकर स्वीकार कर ली थी। वे एक ओर हीन भावना से ग्रसित थे और यह सोचना भी पाप समझते थे कि हम आप हिंदुओं जैसा एक सामान्य नागरिक होने का हक रखते हैं। उसी भावना को ध्वस्त कर उनमें एक नई चेतना प्रवाहित करने के लिए पहले दक्षिण भारत में रामास्वामी नायकर और अन्नादुरई के नेतृत्व में और बाद में महाराष्ट्र में भीमराव के नेतृत्व में आंदोलन चला जिसे दलित

आंदोलन के रूप में जाना जाता है। इससे दलितों का मनोदशा बदला और वे जीवन के हर क्षेत्र में सम्मानपूर्ण हिस्सेदारी का दावा करने लगे।

 

प्रश्न 13. अल्पसंख्यक किसे कहा जाता है?

उत्तर-अल्प संख्यक उप समुदाय को माना जाता है, जिसे अल्पसंख्यक कानून के तहत केन्द्र की सरकार अधिसूचित करती है भारत में मुस्लिम, सिख, बोध, ईसाई, पारसी और जैन समुदाय को अल्पसंख्यक के तौर पर अधिसूचित किया गया है।

 

प्रश्न 14. नातेदारी की रीतियों की व्याख्या करें।

उत्तर-एक नातेदारी समूह से सम्बन्धित लोगों के व्यवहारों को नियंत्रित करने के लिए अनेक ऐसे रीति-रिवाज विकसित किये जाते हैं जिनसे कुछ व्यक्तियों के बीच घनिष्ठता बढ़ सके तथा कछ व्यक्तियों के बीच दूरी बनाया रखी जा सके। उदाहरण के लिए, बच्चों का अपने माता-पिता से श्रद्धा आ सम्मान का सम्बन्ध होता है, जबकि जीजा-साली अथवा देवर-भाभी के बाद

1 मॉडल सी-मजाक के सम्बन्ध पाये जाते हैं। अनेक रीतियाँ ऐसी होती हैं जिनके द्वारा भाद. और ससुर के बीच दूरी बनाए रखने की कोशिश की जाती है, जबकि

रीतियों के द्वारा मामा और भान्जों के बीच घनिष्ठता पैदा करने का प्रयल या जाता है। व्यवहार के इन सभी ढंगों को हम नातेदारी की रीतियाँ कहते हैं।

 

प्रश्न 15. भूमण्डलीकरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-भूमण्डलीकरण एक बहुआयामी अवधारणा है जो मूलत: अर्थव्यवस्था संबंधित है। सी. रंगराजन के अनुसार, भूमण्डलीकरण का अभिप्राय आर्थिक व्यवस्था के विभिन्न पक्षों में समन्वय हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अर्थव्यवस्था तथा समाज के बीच सूचना, विचारों, तकनीकों वस्तुओं और सेवाओ तथा वित्त के बीच समन्वय की प्रक्रिया के साथ भूमण्डलीकरण संबंधित है। विभिन्न देशों के लोग तथा समाज उस प्रक्रिया से जुड़े हुए है गिडेन्स के अनुसार, भूमण्डलीकरण को समय और स्थान के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है।

भूमण्डलीकरण के तीन प्रमुख प्रेरक हैं :-(i) बाजार की खोज D बहराष्ट्रीय निवेश (iii) प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रानिक एवं कम्प्यूटर नेटवर्क।

 

प्रश्न 16. नव-उपनिवेशवाद क्या है?

उत्तर-नव उपनिवेशवाद शक्तिशाली राष्ट्रों की विस्तारवादी प्रकृति का इंगित करता है। यह एक दीर्घकालीन शोषण की नीति पर आधारित दशा है। इसका उद्देश्य दुर्बल देश के संसाधनों का उस तरह उपयोग करना होता है जिसे साम्राज्यवादी देश आर्थिक रूप से शक्तिशाली बन सकें। इस प्रकार के शासन में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अपनी संस्कृति, सामाजिक मूल्यों, तथा आर्थिक क्रियाओं में परिवर्तन लाने के लिए उस तरह दबाव डाला जाता है जिससे वे स्वयं भी अपने आपको साम्राज्यवादी शक्ति के अधीन समझने लगे। विदेशी सरकार द्वारा कूटनीति के माध्यम से ऐसी व्यवस्था लागू की जाती है जिससे उस देश के मूल निवासी अपना सामाजिक आर्थिक विकास करने के योग्य बन सकें।

 

प्रश्न 17. बेरोजगारी क्या है ?

उत्तर-बेरोजगारी एक विश्वव्यापी समस्या है। बेरोजगारी भारत में आधुनिक समय में एक सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभर रही है। बेरोजगारी का तात्पर्य उस अवस्था से होता है जब कार्य करने योग्य व्यक्ति जो कि कार्य करने हेतु तत्पर है किन्तु उन्हें कोई रोजगार नहीं मिल पाता जिससे उन्हें नियमित आय प्राप्त हो।

 

प्रश्न 18. समेकित बाल विकास कार्यक्रम की व्याख्या करें।

उत्तर-समेकित बाल विकास सेवाएँ एक मात्र राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की जरूरतें पूरी करता है। यह छोटे बच्चों को पूरक पोषाहार, स्वास्थ्य सुविधा और स्कूल पूर्व शिक्षा जैसी सुविधाएँ एकीकृत रूप से पहुंचाता है।

 

प्रश्न 19. तस्करी क्या है?

उत्तर-तस्करी अवैध रूप से सामान या व्यक्तियों के एक देश से दूसरे देश के परिवहन को कहते हैं। तस्करी करने वाले व्यक्ति को तस्कर कहते हैं ।

तस्करी की अभिप्रेरणा के विभिन्न कारण हैं जिनमें आर्थिक लाभ प्रधान कारण है। इसके अंतर्गत नशीले पदार्थों का लाना-ले जाना, व्यक्तियों का अवैध प्रवास करवाना, कर की चोरी, कारागार के अंदर कैदी को प्रतिबन्धि त वस्तुएँ पहुँचाना या तस्करी की जाने वाली वस्तु आदि विषय आते हैं। हवाई अड्डे पर विदेश से खरीदी वस्तु का सीमा शुल्क जमा न करना भी तस्करी की परिधि में आता है।

 

प्रश्न 20. भ्रूण हत्या क्या है?

उत्तर-जन्म लेने से पूर्व ही गर्भस्थ शिश को मार देने से है। गर्भ में पलने वाले भ्रण को अल्टासाउण्ड आदि इस प्रकार की तकनीकों से जांच कर पता लगाया जाता है कि भ्रूण कन्या शिश है या नहीं। भ्रूण अगर कन्या शिशु होती है तो उसकी हत्या गर्भ में ही कर दिया जाता है। भ्रूण हत्या के कारण बालिकाओं की संख्या में तेजी से गिरावट हुई जो कि जनसंख्या असंतुलन को बालिकाओं की संख्या में तेजी से गिरावट हुई जो कि जनसंख्या असंतुलन को जन्म दे रही है।

 

प्रश्न 21. सामाजिक परिवर्तन में जन-संचार की भूमिका का उल्लेख करें।

उत्तर-किसान, मजदूर आज तक विकास से कोसों दूर हैं, उन तक सरकारी योजनाओं के बारे में जरा भी जानकारी पहुंच नहीं पाती, एक तरफ समाज में वर्ग शिक्षा से अपना विकास कर रहे हैं और किसान, मजदूर शिक्षा के अभाव से विकास से काफी दूर हैं। टी०वी०, रेडियो जैसे साधनों का

पेपर उपयोग आज भी गरीब लोग मनोरंजन के लिए करते हैं इन्हीं साधनों द्वारा सरकारी योजनाओं की जानकारी आसानी से मीडिया पहुंचा सकता है और मीडिया से ही धीरे धीरे ये लोग मख्य धारा में आ रहे हैं।

गरीब और विकासशील देशों में ज्यादातर किसान और मजदूर जैसे तबके, जो विकास से अछते रह जाते हैं, उन्हें विकास से जोड़ने और उनकी दशा सुधारने की दिशा में जनसंचार दो तरीकों से बहुत अहम भूमिका निभा सकता है एक तो उनको बताया जाए कि उनके हक क्या हैं दूसरा यह कि उनकी जिन्दगी के हालात को दुनिया के सामने लाया जाए।

 

  1. हमारे किसान और मजदूर ज्यादातर अनपढ़ हैं इसलिए उनको पता ही नहीं होता कि दुनिया के दूसरे देशों में उन्हीं जैसे किसान और मजदूर क्यों अधिक खुश और खुशहाल हैं। उनको जब यह मालूम होगा तो उनमें कुछ न कुछ बदलाव तो जरूर जाएगा।
  2. दुनिया को ऐसे गरीब और विकासशील देशों के ज्यादातर किसानों और मजदूरों की असल जीवन की सही झलक दिखाई जाए कि कैसी होती है।

समाज में जनसंचार के पहुंच का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है। जनसंचार समाज की दशा और दिशा बदलने में सक्षम है दुर्भाग्य से गरीब और विकासशील देशों में जनसंचार की भूमिका आज भी खुलकर सामने नहीं आ पाई है। वहाँ जनसंचार या तो ऊँची पहुँच वाले राजनीतिज्ञों अथवा तानाशाहों के दबाव में खुलकर सामने नहीं आ पाता या फिर उनकी विरूदावलियां गाने में ही अपना भला समझता है। कॉरपोरेट सेक्टर की चमक-दमक में चुधियाया मीडिया नीचे काश्तकार तबके के संघर्षों की कालिमा को नहीं देश पाता । जनसंचार चाहे तो किसानों-मजदूरों को उनका हक दिला सकता है। बाजार का उतार चढ़ाव और पूंजी का प्रवाह मजदूरों-किसानों के हाथों में हो सकता है। जरूरत है तो बस ईमानदार मिडियाकर्मियों की जो त्यर्थ थूक उछालने की बजाय सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति के प्रति कटिबद्ध हो।

 

प्रश्न 22. काला धन क्या हैं? ..

उत्तर-काला धन मूल रूप से अवैध तरीके से प्राप्त आय का संग्रह है। इसे मुख्यतः टैक्स के उद्देश्य हेतु घोषित नहीं किया जाता।

 

प्रश्न 23. वर्ग की अवधारणा को समझाए।

उत्तर-जब जन्म के अतिरिक्त समाज किसी आधार पर विभिन्न समूहों में बँट जाता है तो इस प्रकार के समूहों को सामाजिक वर्ग कहा जाता है। इस प्रकार का विभाजन प्रत्येक समाज में पाया जाता है। कुछ भी हो, विभिन्न विचारों की परिभाषाओं से वर्ग की धारणा पर्याप्त स्पष्ट हो जाएगी।

1.मैकाइवर और पेज-“सामाजिक वर्ग एक समुदाय का कोई भाग है जो सामाजिक स्थिति के आधार पर शेष भाग से पृथक किया जा सके।”

  1. ऑगबर्न तथा निमकॉफ-“सामाजिक वर्ग उन व्यक्तियों के समुदाय को कहते हैं, जिनकी किसी समाज में सामाजिक स्थिति आवश्यक रूप से एक समान होती है।

 

 

प्रश्न 24. धर्म क्या है?

उत्तर-धर्म का अर्थ होता है धारण अर्थात जिसे धारण किया जा सके. धर्म कर्म प्रधान है। गुणों को जो प्रदर्शित करे वह धर्म है। धर्म को गुण भी कह सकते हैं। धर्म सार्वभौमिक होता है। यानि प्रत्येक काल और युग में समान रहता है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध धर्म नहीं है बल्कि सम्प्रदाय है।

 

 

प्रश्न 25.बाल मजदूरी किसे कहते हैं?

उत्तर-किसी भी क्षेत्र में बच्चों द्वारा अपने बचपन में दी गई सेवा को बाल मजदूरी कहते हैं। इसमें गैर-जिम्मेदार माता पिता की वजह से या कम लागत में निवेश पर अपने फायदे को बढ़ाने के लिए मालिकों द्वारा जबरदस्ती बनाए गए दवाब की वजह से जीवन जीने के लिए जरूरी संसाधनों की कमी के चलते ये बच्चों द्वारा स्वतः किया जाता है।

 

 

 

 

 

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