Class 12th PSYCHOLOGY Subjective Question Answer 3 2022 Pdf Download

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आज के इस post में आप सभी के लिए Class 12 PSYCHOLOGY का subjective Question Paper -3यानि Question Bank 2021 (subjective Question), (Short Question ) (Long Question ) PSYCHOLOGY Question Paper 2021 Class 12 pdf With Answer In Hindi Medium Class 12 PSYCHOLOGY Sample Paper 2021 – 22 in Hindi Pdf Download

 

 

प्रश्न 1. भारतीय संस्कृति में बुद्धि के स्वरूप को लिखें।

उत्तर-बौद्धिक प्रतिभाओं और कौशलों का निर्धारण उस सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण में होता है जिसमें उसका पालन-पोषण होता है। बुद्धि को अभियोजन की क्षमता माना गया है, अर्थात् जो व्यक्ति जिस समाज में या संस्कृति में पलता है वहाँ उसे अभियोजन करना होता है । चूँकि अलग-अलग संस्कृति के सामाजिक-सांस्कृतिक प्रतिमान अलग-अलग होते हैं, अतः वहाँ बुद्धि प्रदर्शन भी अपनी-अपनी संस्कृतियों में बुद्धि अलग-अलग व्यवहरों द्वारा परिभाषित होती है क्योंकि किसी समाज एवं संस्कृति में किस व्यवहार को लाभप्रद एवं अर्थपूर्ण माना गया है, इसमें अन्तर है। अतः बुद्धि को सांस्कृतिक शैली या सांस्कृतिक उत्पाद के रूप में देखा जाता है । बुद्धि में कौन-कौन तत्त्व शामिल होते हैं, इस विषय में विभिन्न सांस्कृतिक समूहों में भिन्नता है। 

 

प्रश्न 2. बहिर्मुखी प्रकार के व्यक्तित्व का वर्णन करें।

उत्तर-बहिर्मुखी व्यक्तित्व युंग द्वारा बतलाए गए व्यक्तित्व प्रकार का एक प्रमुख भाग है। बहिर्मुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति अधिक सामाजिक एवं खुशमिजाज प्रकृति के होते हैं। इनमें परोपकारिता का गुण अधिक पाया जाता है। सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाने की प्रवृत्ति तीव्र होती है। ऐसे लोग आशावादी प्रकृति के होते हैं तथा वे अपना संबंध यथार्थता (realism) से

अधिक रखते हैं। ऐसे लोग खाने-पीने की चीजों में अभिरुनि अधिक लेते हैं तथा वे आराम पसंद करते हैं। ऐसे लोग सफल समाजसेवी, नेता तथा उत्तम

कलाकार होते हैं।

 

प्रश्न 3. सकारात्मक स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर-व्यायाम जीवन शैली में वह परिवर्तन ला सकता है जिसे व्यापक रुप से लोकप्रिय अनुमोदन प्राप्त है। नियमित रूप से व्यायाम दबाव तथा वजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है तथा दुश्चिन्ता, तनाव एवं अवसाद को घटाने में सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जो व्यायाम जरूरी है वे तनाव व खिंचाव वाले व्यायाम, जैसे-योग के आसन तथा वायुजीवी व्यायाम जैसे-तैरना. साइकिल चलाना, दौड़ना आदि है । जैसे वायुजीवी व्यायाम शरीर के भाव-प्रबोधन स्तर को बढ़ाते हैं वैसे ही खिंचाव वाले व्यायाम शान्तिदायक प्रभाव डालते हैं । व्यायाम के स्वास्थ्य सम्बन्धी फायदे दबाव को रोकने का कार्य करते हैं। बड़ी संख्या में किए गए शोध शारीरिक स्वस्थता एवं स्वास्थ्य के मध्य सुसंगत सकारात्मक सम्बन्धों की पुष्टि करते हैं । अध्ययन यह दर्शाते हैं कि शारीरिक स्वस्थता व्यक्तियों की सामान्य मानसिक तथा शारीरिक कुशल क्षेम का अनुभव कराती है । ऐसे समय में जब जीवन में नकारात्मक घटनाएँ घट रही हों ।

 

प्रश्न 4. असामान्य व्यवहार के किन्हीं दो मनोवैज्ञानिक कारकों का वर्णन करें।

उत्तर-असामान्य व्यवहार के दो मनोवैज्ञानिक कारक निम्नलिखित हैं

(क) व्यक्तिगत अपरिपक्वता-असामान्य व्यक्ति का व्यवहार उसकी शिक्षा, आयु एवं सामाजिक स्थिति के अनुसार न होकर कुछ निम्न सतर का रहता है। उसकी संवेगात्मक अनुभूति तथा अभिव्यक्ति उद्दीपक स्थिति के अनुसार नहीं रहा करती है। उसकी क्रियाएँ क्षणिक आवेगों से ही प्रभावित हो जाती हैं।

(ख) असुरक्षा की भावना-असामान्य व्यक्ति अपने आपको असुरक्षित अनुभव करता है। वह जीवन की सामान्य स्थितियों, कठिनाइयों एवं दायित्वों के पालन में अपने आपको उपयुक्त नहीं समझता है। उसमें आत्मविश्वास की कमी रहा करती है।

 

प्रश्न 5. मनोविश्लेषणात्मक विधि के गुणों का वर्णन करें।

उत्तर-मनोविश्लेषणात्मक विधि के गुण-(i) विधियों एवं माध्यमों से मूल्यांकन करने की योग्यता । (ii) निर्णय लेने में प्रदत्त संग्रह करते समय एक प्रणालीबद्ध उपागम की उपयोग क्षमता । (ii) नैदानिक उद्देश्यों के लिए विभिन्न स्रोतों से प्राप्त प्रदत्तों को समाकलित करना । (iv) निदान के उपयोग एवं निरूपण की योग्यता। (v) कौशलों के बढ़ाने एवं अमल लाने के लिए पर्यवेक्षण के प्रभावी उपयोग की क्षमता।

 

 

प्रश्न 6. मनोवृत्ति निर्माण के सांस्कृतिक कारक का वर्णन करें।

उत्तर-मनोवृत्ति मनुष्य का एक अर्जित गुण (acquired property) : ठसकी मनोवृत्ति किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या समस्या के प्रति जन्म के समय न तो अनुकूल (favourable) होती है और न प्रतिकूल (unfavourable)। लेकिन आयु में वृद्धि होने के साथ अनुभव तथा शिक्षण के कारण अनुकूल या प्रतिकूल, सकारात्मक (positive) या नकारात्मक (negative) मनोवृत्ति का निर्माण हो जाता है। व्यक्तिगत अनुभव तथा शिक्षण के साथ-साथ पारिवारिक एवं सामाजिक कारकों का प्रभाव भी मनोवृत्ति के विकास पर सामान्य रूप से पड़ता है। इस कारण एक परिवार, समाज या समुदाय के सदस्यों को मनोवत्तियों में कछ हद तक समानता होती है और कुछ हद तक भिन्नता । इस सम्बन्ध में किये गये अध्ययनों तथा शोधों (researches) से मनोवृत्ति के विकास एवं निर्माण के निम्नलिखित निर्धारकों (determinants) ” कारकों (factors) का उल्लेख मिलता है

(i) समूह-सम्बंद्धता (Group affiliation): व्यक्ति की बहुत-सी मनोवृतियों के विकास पर उस समूह का प्रभाव पड़ता है, जिसके साथ सम्बन्ध (affiliation) होता है । सम्बन्धन के कारण समूह के मूल्यों (values) विश्वासों (beliefs) मानदण्डों (norms) आदि को स्वीकार करता तथा उनके अनुकूल व्यवहार करना व्यक्ति का कर्तव्य हो जाता है । फलतः इन सबका प्रभाव मनोवृत्ति के निर्माण पर निश्चित रूप से पड़ता है।

(ii) समाज (Society): व्यक्ति जिस समाज में रहता है, उसके नियमों, मान्यताओं आदि का प्रभाव मनोवृत्ति से विश्वास पर पड़ता है ।

(iii) व्यक्तिगत कारक (Personal factors): मनोवृत्ति के विकास पर कई तरह के व्यक्तित्व कारकों का भी गहरा प्रभाव पड़ता है । अन्तर्मुखता (introversion) बहिर्मुखता (extraversion), लज्जा (shyness) रूढ़िवाद (conservation) आधिपत्य (dominance) आदि व्यक्ति अपने धर्म के प्रति अनुकूल मनोवृत्ति रखता है और दूसरे धर्मों के प्रति प्रतिकूल मनोवृत्ति रखता है।

(iv) सांस्कृतिक कारक (Cultural factors) : प्रत्येक संस्कृति का अपना-अपना सांस्कृतिक प्रतिरूप (cultural pattem) होता है । उसके अपने-अपने मूल्य (values) मानदण्ड (norms), परम्पराएँ (traditions) ध म (religion) भाषा (language) आदि होते हैं । अत: किसी संस्कृति के सदस्यों की मनोवृत्ति के निर्माण पर उसके सांस्कृतिक प्रतिरूपों का निश्चित प्रभाव पड़ता है। इसी कारण जहाँ एक संस्कृति के लोगों की मनोवृत्ति ने अधि क समानता पाई जाती है वहाँ भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के लोगों की मनोवृत्तियों में अधिक भिन्नता ।

स्पष्ट है कि मनोवृत्ति के निर्माण पर उपर्युक्त कारकों का प्रभाव पड़ता है। प्रश्न

 

7.गौण-समूह की विशेषताओं को लिखें।

उत्तर-गौण अथवा द्वितीयक समूह के सदस्यों की संख्या बहुत अधिक होती है। अतः, इसका आकार बहुत बड़ा होता है । लिण्डग्रेन ने इसे परिभाषित करते हुए लिखा है।द्वितीयक समूह अधिक अवैयक्तिक होता है तथा सदस्यों के बीच औपचारिक तथा संवेदनात्मक संबंध होता है।

(i) द्वितीयक समूह में व्यक्तियों की संख्या अधिक होती है। (ii) इसके सदस्यों में आपस में घनिष्ठ संबंध नहीं होता है। (ii) प्राथमिक समूह की तुलना में यह कम टिकऊ होता है। (iv) समूह के सदस्यों के बीच एकता का अभाव होता है। (v) इसके सदस्यों में मैंका भाव अधिक होता है। (vi) इसके सदस्य कभी-कभी आमने-सामने होते हैं।

 

 

प्रश्न 8. भू-भागीयता या प्रादेशिकता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-निश्चित भू-भाग या निश्चित प्रदेश को प्रादेशिकता कहते हैं। जैसे-उत्तर प्रदेश के रहने से उत्तर प्रदेश का जिला, उसका भू-भाग एवं निवासी के साथ-साथ भाषा, रहन सहन सब कुछ का बोध होता है। यह निश्चित भू-भाग है।

 

 

प्रश्न 9. साक्षात्मकार कौशल क्या है ?

उत्तर-मनोविज्ञान के क्षेत्र में साक्षात्मकार की उपयोगिता में प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है। साक्षात्कार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच एक उद्देश्यपूर्ण वार्तालाप है। साक्षात्कार को अन्य प्रकार के वार्तालाप की तुलना में अधिक महत्त्वपूर्ण संज्ञा दी जा सकती है। क्योंकि उसका एक पूर्व निध रित उद्देश्य होता है तथा उसकी संरचना केन्द्रित होती है। साक्षात्कार अनेक प्रकार के होते हैं जैसे-परामर्शी साक्षात्कार, रेडियो साक्षात्मकार, कारक परीक्षक साक्षात्कार, उपचार साक्षात्कार, अनुसंधान साक्षात्कार आदि ।

 

प्रश्न 10. क्रेश्मर के अनुसार व्यक्तित्व प्रकार को लिखें।

उत्तर-क्रेशमर के अनुसार घ्यक्तित्व प्रकार हैं-(i) प्रारूप उपागम, (ii) विशेषक उपागम तथा (iii) सक्रियात्मक उपागा ।

 

प्रश्न 11. असामान्यता का क्या अर्थ है ?

उत्तर-व्यवहार सामान्य हो अथवा असमान्य व्यक्ति अपने आंतरिक मनोविचारों एवं शक्तियों से प्रेरित होता है जिसके प्रति वह स्वय चतन रूप स अनभिज्ञ रहता है। मनोगतिक मॉडल में सर्वप्रथम फ्रॉयड ने कहा कि तीन कन्द्रिय शक्तियों के द्वारा व्यक्तित्व की संरचना निर्धारित होती है। मूल प्रवृत्तिक आवश्यकताएँ, अंतर्नाद तथा आवेद (इदम् या इद), ताकिक चितन (अहम्, तथा नैतिक चिनतन (पराहम) । इस प्रकार फ्रॉयड ने माना है कि असामान्य व्यवहार अचेतन स्तर पर होने वाले मानसिक द्वन्द्वों की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है जिसका संबंध सामान्यतः प्रारंभिक बाल्यावस्था या शैशवावस्था से प्रारंभ होता है।

 

प्रश्न 12. मानव व्यवहार पर जल-प्रदूषण के प्रभाव का वर्णन करें।

उत्तर-मानव व्यवहार पर जल-प्रदूषण के प्रभाव-जल प्रदूषण से तात्पर्य जल के भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणों में ऐसा परिवर्तन से है कि उसके रूप, गंध और स्वाद से मानव के स्वास्थ्य और कृषि उद्योग एवं वाणिज्य को हानि पहुँचे, जल प्रदूषण कहलाता है। प्रदूषित जल पीने से विभिन्न प्रकार के मानवीय रोग उत्पन्न हो जाते हैं। जिनमें आँत का रोग, पीलिया, हैजा, टाइफाइड, अतिसार तथा पेचिस रोग प्रमुख हैं।

 

प्रश्न 13. शीलगुण से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-व्यक्तित्व का निर्माण अनेक प्रकार के शीलगुणों से होता है। शीलगुण आपस में संयुक्त रूप से कार्य करते हैं, जिनसे व्यक्ति के जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन को उचित दिशा एवं गति प्राप्त होती है। इसी कारण इसे सामान्य भाषा में व्यक्ति की विशेषताएँ भी कहा जाता है अब प्रश्न है कि शीलगुण से क्या अभिप्राय है ? मनोवैज्ञानिकों ने इस प्रश्न के उत्तर में कहा है कि व्यक्तित्व की स्थायी विशेषताएँ जिनके कारण उनके व्यवहार में स्थिरता दिखाई पड़ती है, शीलगुण के नाम से जानी जाती है।

 

प्रश्न 14. आत्महत्या के रोकथाम के उपाय सझावों।

उत्तर-आत्महत्या के रोकथाम के उपाय-(i) अनावश्यक दबाव नहीं देना चाहिए । (i) प्रभावित व्यक्ति के पास सदा रहना चाहिए। (iii) उसकी सही कौंसिलिंग होनी चाहिए। (iv) दवा देना एवं सहयोग की भावना रखनी चाहिए।

 

प्रश्न 15. मनोग्रस्ति से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-किसी विशेष विचार या विषय पर चिंतन को रोक पाने की असमर्थता मनोग्रस्ति कहलाती है। इससे ग्रसित व्यक्ति अक्सर अपने विचारों को अप्रिय और शर्मनाक समझता है।

 

प्रश्न 16. गौण-समूह की विशेषताओं को लिखें।

उत्तर-गौण अथवा द्वितीयक समूह के सदस्यों की संख्या बहुत अधिक होती है। अतः, इसका आकार बहुत बड़ा होता है । लिण्डग्रेन ने इसे परिभाषित करते हए लिखा है।द्वितीयक समूह अधिक अवैयक्तिक होता है तथा सदस्यों के बीच औपचारिक तथा संवेदनात्मक संबंध होता है।

(i) द्वितीयक समूह में व्यक्तियों की संख्या अधिक होती है।

(ii) इसके सदस्यों में आपस में घनिष्ठ संबंध नहीं होता है।

(iii) प्राथमिक समूह की तुलना में यह कम टिकळ होता है।

(iv) समूह के सदस्यों के बीच एकता का अभाव होता है।

(v) इसके सदस्यों में मैंका भाव अधिक होता है।

(vi) इसके सदस्य कभी-कभी आमने-सामने होते हैं। प्रश्न

 

17. भू-भागीयता या प्रादेशिकता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर-निश्चित भू-भाग या निश्चित प्रदेश को प्रादेशिकता कहते हैं। जैसे-उत्तर प्रदेश के रहने से उत्तर प्रदेश का जिला, उसका भू-भाग एवं निवासी के साथ-साथ भाषा, रहन सहन सब कुछ का बोध होता है। यह निश्चित भू-भाग है।।

 

प्रश्न 18. साक्षात्मकार कौशल क्या है ?

उत्तर-मनोविज्ञान के क्षेत्र में साक्षात्मकार की उपयोगिता में प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है। साक्षात्कार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच एक उद्देश्यपूर्ण वार्तालाप है। साक्षात्कार को अन्य प्रकार के वार्तालाप की तुलना में अधिक महत्त्वपूर्ण संज्ञा दी जा सकती है। क्योंकि उसका एक पूर्व निध ििरत उद्देश्य होता है तथा उसकी संरचना केन्द्रित होती है। साक्षात्कार अनेक प्रकार के होते हैं जैसे-परामर्शी साक्षात्कार, रेडियो साक्षात्मकार, कारक परीक्षक साक्षात्कार, उपचार साक्षात्कार, अनुसंधान साक्षात्कार आदि ।

 

 

 

 

 

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