आज के इस post में आप सभी के लिए Class 12 POLITICAL SCIENCE का subjective Question Paper-2 यानि Question Bank 2021 (subjective Question), (Short Question ) (Long Question ) POLITICAL SCIENCE Question Paper 2021 Class 12 pdf With Answer In Hindi Medium Class 12 POLITICAL SCIENCE Sample Paper 2021 – 22 in Hindi Pdf Download
प्रश्न 1. ‘सामूहिक सुरक्षा’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-सामूहिक वर्ग को खतरे से आजादी-सामूहिक सुरक्षा है। मानव का अस्तित्व और देश का जीवन खतरों से भरा होता है। इस खतरे से मुक्ति का मतलब होता है सामूहिक सुरक्षा।
प्रश्न 2. वायु प्रदूषण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-वायु या वातावरणीय प्रदूषण के पदार्थों या खनिजों को इतनी मात्रा में वातावरण में मिलाया जाता है जो मानव जाति या अन्य इच्छित जातियों, मानव संपत्तियों एवं सम्पदाओं पर विपरीत प्रभाव आरम्भ करते हैं।
वायु प्रदूषण के स्रोत-(1) स्थिर दोहन स्रोत (2) औद्योगिक क्रियाएँ . (3) कृषि दहन
वायु प्रदूषण के प्रभाव-(1) मानव स्वास्थ्य (2) जानवरों की क्षति (3) वनस्पति की हानि (4) पदार्थों का खराब होना
वायु प्रदूषण का नियंत्रण-(1) औद्योगिक प्रदूषणों को कम करना (2) मोटर वाहन के प्रदूषण को कम करना (3) कृषि दहन को रोकना।
प्रश्न 3. पर्यावरण संरक्षण क्या है?
उत्तर-पर्यावरण को सुरक्षित व प्रदूषण मुकत रखना अत्यन्त जरूरी है। इसके लिए निम्न प्रयास किये गये हैं
(i) विषैली गैसों व कार्बनडाइऑक्साइड के विसर्जन की मात्रा घटाई जाये, अधिक हरियाली लगाई जाये तो ऐसी गैसों को रोक लेती है।
(ii) वृक्षों की अंधाधुंध कटाई रोक दी जाये।
(iii) नदियों में जहरीला या तेजाबी पानी न छोड़ा जाये क्योंकि इससे पेयजल दूषित होता है और मछलियों व कुओं की हत्या हो जाती है।
(iv) सभी प्रकार के जीव-जन्तुओं तथा पेड़-पौधों को सुरक्षित रखा जाये क्योंकि इसी से प्राकृतिक सन्तुलन बना रह सकता है।
प्रश्न 4. शीत युद्ध की प्रकृति का परीक्षण करें।
उत्तर-शीतयुद्ध की व्याख्या प्रायः यह की जाती है कि यह दो विरोधी विचारधाराओं तथा सामाजिक व्यवस्थाओं के बीच संघर्ष है। इसमें दोनों पक्ष परस्पर शांतिकालीन राजनयिक संबंध बनाए रखते हुए भी शत्रुता की भावना रखे हैं और सशस्त्र युद्ध के अतिरिक्त अन्य सभी उपायों द्वारा एक-दूसरे को कमजोर बनाने का प्रयत्न करते हैं। अत: संक्षेप में हम कह सकते हैं कि शीतयुद्ध युद्ध न होते हुए भी युद्ध जैसी परिस्थितियों को बनाए रखने की एक ऐसी कला है जिसमें प्रत्येक विषय पर गुटीय स्वार्थों को ध्यान में रखकर कार्य किया जाता है। यह शस्त्रों से लड़ा जानेवाला युद्ध न होकर एक प्रकार का वाक्युद्ध है।
विश्व राजनीति में 1945 ई से अमेरिका और सोवियत संघ द्वारा शरू हुआ शीत युद्ध 1991 ई. में सोवियत रूस के विघटन के साथ समाप्त हुआ।
प्रश्न 5. नाटो क्या है?
उत्तर-नार्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) “द (नार्थ)अटलांटि एलायंस” भी कहा जाता है, एक सैन्य गठबंधन है जिसकी स्थापना 4 अप्रैल, 1949 को उत्तर अटलांटिक संधि पर हस्ताक्षर के साथ हुई । नाटो का मख्यालय ब्रसेल्स (बेल्जियम) में है। संगठन में सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी हमले की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे। प्रश्न 25. वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभावों का वर्णन करें।
पर विभिन्न देशों और समाजों पर वैश्वीकरण का प्रभाव विषम रहा है। इसके कई लाभ हैं।
यह विकासशील देशों की प्रतियोगी क्षमता को बढाता है।
वैश्वीकरण नई तकनीक और नए बाजार में प्रवेश का मार्ग खोलता है।
(ii) यह उपभोक्ताओं की विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ और सेवाएँ कम कीमत पर उपलब्ध कराता हैं।
इस प्रकार से सूचना और संचार क्षेत्र में हुई प्रगति ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में तेजी ला दिया है। कारण यह है कि सरकार जो कुछ भी करती है वह हर प्रकार से पारदर्शी बन जाता है।
वैश्वीकरण विदेशी-पूँजी निवेश का मार्ग खोलता है। यह विकासशील देशों के लिए अति आवश्यक है।
प्रश्न 6. सुशासन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-सुशासन का तात्पर्य अच्छी शासन व्यवस्था से है। नागरिकों को बुनियादी सुविधा मिले । यातायात की अच्छी व्यवस्था हो । स्वच्छ जल एवं भोजन की उपलब्धता हो। समाज में अमन चैन हो । अमीर गरीब के बीच बैमनस्य न हो। क्षेत्रीयता एवं संकीर्णतावाद न हो । दंगा-फसाद न हो तथा धर्म के लिए अकारण अशांति न फैले । ये व्यवस्थाएँ सुशासन कहलाती है। अभी बिहार में सुशासन का दौर चल रहा है। लोगों को भयुक्त माहौल से मुक्ति मिली है।
प्रश्न 7. ‘दल-बदल’ के अर्थ क्या हैं ?
उत्तर-जब किसी दल के सदस्य चुनाव से पहले या निर्वाचित होने के बाद अपने राजनीतिक दल को छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो जाता है, दल-बदल कहलाता है । दल-बदल अपनी राजनीतिक इच्छा की पूर्ति या पार्टी में उपेक्षित महसूस करने की स्थिति में कोई सदस्य पार्टी की सदस्यता छोड़ते हैं। पार्टी के आदेश के उल्लंघन के कारण पार्टी से उन्हें निकाल भी दिया जाता है। इसके अन्तर्गत सदस्य अपनी मर्जी से भी पार्टी छोड़ सकते हैं। 1985 ई. में 52वाँ संविधान संशोधन लाकर दल-बदल को रोकने का प्रयास किया गया, जो नाममात्र का साबित हुआ। पुनः 1991 ई. में संविधान संशोधन द्वारा एक नया कानून लाया गया, जिसके अनुसार यदि कोई सदस्य दल-बदल करता है तो वह सदन की सदस्यता खो देगा और किसी भी राजनीतिक पद के लिए अयोग्य होगा। अध्यक्ष का फैसला इस मामले में अंतिम माना जाएगा।
प्रश्न 8. द्वि-राष्ट्र सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-1945 ई. में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विश्व दो महाशक्तियों में बँट गया । एक तरफ पूँजीवादी महाशक्ति अमेरिका तथा दूसरी तरफ साम्यवादी महाशक्ति सोवियत संघ था। दोनों ही देश विश्व के देशों को अपनी विचारधारा के गुट में शामिल करना चाहते थे।
प्रश्न 9. शीतयुद्ध क्या है?
उत्तर-शीतयुद्ध का तात्पर्य उस युद्ध से है, जब परस्पर विरोधी देशों के मध्य बड़ा उत्तेजित और तनावपूर्ण वातावरण तो हो, किन्तु वास्तव में युद्ध न हो रहा हो । इस तनावपूर्ण स्थिति में युद्ध तो नहीं होता, किन्तु युद्ध जैसी स्थिति बनी रहती है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद संसार में ऐसी स्थिति बनी है।
प्रश्न 10. सामाजिक न्याय क्या है?
उत्तर-सामाजिक न्याय ऐसी सामाजिक व्यवस्था, जिसमें मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की उपलब्धता समाज के प्रत्येक वर्ग को समान रूप से कराई जा सके। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा लायी गयी विभिन्न योजनाओं का लाभ राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को समान रूप से मिले । उपर्युक्त स्थिति स्थापित करने के लिए सरकार आवश्यकतानुसार विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा जागरूकता एवं अवसर प्रदान करती है।
प्रश्न 11. विश्व बैंक के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर-द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् विश्व के विभिन्न देशों को पर्याप्त क्षति हुई। इन देशों ने अपने पुनरुद्धार हेतु 1965 ई. में एक विश्व बैंक की स्थापना की। इसका कार्यालय अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डी. सी.
इस बैंक के कार्य हैं-(i) विकासशील देशों को वित्तीय सहायता व ऋण देना । (i) उसके रचनात्मक आर्थिक विकास के लिए तकनीकी सहायता देना । (iii) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में संतुलन बनाए रखना, जिससे सहायता प्राप्त देश अपना विकास कार्यक्रम अबाध गति से चला सके । (iv) पर्यावरण सुरक्षा, जिसमें प्रदूषण से संबंधित सभी नियमों का निर्माण और उसे लागू करना भी इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
प्रश्न 12. गैर-कांग्रेसवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-इंदिरा गाँधी को सत्ता से हटाने के लिए समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ने समान विचारधारा वाले लोगों के साथ मिलकर एक रणनीति तैयार की जिसे गैर-कांग्रेसवाद के नाम से जाना जाता है। उन्होंने गैर-कांग्रेसवाद के पक्ष में सैद्धांतिक तर्क देते हुए कहा कि कांग्रेस का शासन अलोकतांत्रिक और गरीब लोगों के हित के खिलाफ है। इसलिए गैर-कांग्रेसी दलों का एक साथ आना जरूरी है, ताकि गरीबों के हक में लोकतंत्र को वापस लाया जा सके।
प्रश्न 13.क्षेत्रीय संगठन किसे कहते हैं ?
उत्तर-विश्व के अनेक भागों में विविधता के बीच एकता देखी जा सकती है। अलग राज्य हो सकते हैं, किंतु उनके समूह की किसी स्पष्ट आधार; जैसे-भौगोलिक, सामाजिक, सामरिक, आर्थिक, संस्कृतिक पर पहचान की जा सकती है। किसी क्षेत्र के राज्यों के साझे हित हो सकते हैं। जिनकी रक्षा व संवर्द्धन के लिए वे अपना संगठन बना लेते हैं । यूरोपीय संघ, सार्क आदि इसके उदाहरण हैं।
प्रश्न 14. विश्व व्यापार संगठन क्या है?
उत्तर-विश्व व्यापार संगठन एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जो वैश्विक व्यापार के लिए नियम निर्धारित करता है। इस संगठन की स्थापना 1995 में व्यापार तथा सीमा शुल्क पर सामान्य समझौता (गैट) के उत्तराधिकारी के रूप में हुआ जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद गठित किया गया है। इसके सदस्य देशों की संख्या 150 है। इसका हर दो वर्ष बाद सम्मेलन होता है जिसमें व्यापार-संबंधी चर्चाएं की जाती हैं। निर्णय बहुमत के आधार पर लिये जाते हैं, जो सभी सदस्य देशों के लिए बाध्यकारी है। इसका अपना न्यायाधीकरण है जिसमें देशों के बीच व्यापार-संबंधी विवादों पर निपटारा होता है।
प्रश्न 15. गुट-निरपेक्ष आंदोलन क्या है?
उत्तर-गुट-निरपेक्षता का अर्थ है किसी भी गट में सम्मिलित न होना और किसी भी गुट या राष्ट्र के कार्य की सराहना या निन्दा आँख बंद करके, बिना सोचे-समझे न करना । वास्तव में गुट-निरपेक्षता की नीति अपनाने वाला राष्ट्र अपने लिए एक स्वतंत्र विदेश नीति का निर्धारण करता है। वह राष्ट्र अच्छाई या बुराई, उचित या अनुचित का निर्णय स्व-विवेक से करता है। दूसरे विश्वयुद्ध के पश्चात् विश्व दो गुटों में विभाजित हो गया। इसमें से एक पश्चिमी देशों का गुट था और दूसरा साम्यवादी देशों का । दोनों महाशक्तियों ने भारत को अपने पीछे लगाने के काफी प्रयास किये, परंतु भारत ने दोनों ही प्रकार के सैनिक गुटों से अलग रहने का निश्चय किया । इस कारण ही भारत एक गुट-निरपेक्ष राष्ट्र कहलाता है। भारत ने यह निश्चय किया कि वह किसी सैनिक गठबंधन का सदस्य नहीं बनेगा, स्वतंत्र विदेश नीति अपनाएगा तथा निष्पक्ष रूप से विचार करेगा।
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