यहाँ से हमलोग क्लास 12th HISTORY सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर को पड़ेंगे जो बिहार बोर्ड परीक्षा में बहुत ज्यादे मदद करेगी
1. सिन्धु सभ्यता में अन्नागारों का क्या महत्व था ?
प्रश्नोत्तर – सिंधु सभ्यता के अन्नागारों का विशेष महत्व था। अतिरिक्त उत्पादन का संचय किय जाता था। अनाज सुरक्षित रखे जाते थे। मोहनजोदड़ों का अन्नागार सबसे बड़ा था। यह व्यापार वाणिज्य का केन्द्र भी था। संभतः अकाल एवं भूखमरी के समय अन्नागार में संचित अनाज का उपयोग किया जाता रहा होगा। वर्तमान गोडाउन के समान मोहनजोदड़ों में विशाल अन्नागार था जो विदेशी व्यापार का साधन भी था।
Q.2.हड़प्पा लिपि के विषय में आप क्या जानते हैं ?
प्रश्नोत्तर – हड़प्पाई स्थलों के उत्खन्न में बड़ी संख्या में लिपिबद्ध मुहरें मिली हैं मुहरों पर छोटे-छोटे अभिलेख खुदे हुए हैं। मुहरें जारी करने वाले व्यक्ति के यह नाम और पद की ओर इंगित होता है। लिपि का वास्तविक स्वरूप आज भी स्पष्ट नहीं है। कुछ विज्ञानों ने इससे पढ़ने का प्रयास किया है। कुछ इसे संस्कृत अथवा द्रविड़ भाषा पर आधारित मानते है। ब्राहणी लिपि से भी इसकी तुलना की जाती है। परन्तु इस सबंध में अंतिम निर्णय आना वाकी है। अक्षरों को चित्रों अथवा अभी चिन्हों में दर्शाया गया है। अनुमानतः अक्षरों की संख्या 400 थी।
Q. 3 मगध के उत्कर्ष के कारणों की विवेचना करें ।
प्रश्नोत्तर – 16 महाजनपदों में मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद था। इसके उत्कर्ष के अनेक कारण थे। जैसे मगध की भौगोलिक स्थिति जो पहाड़ों, नदियों से धिरा था। मगध की आर्थिक संपन्नता भी थी। इसके लिए खनिजों की पर्याप्तता एवं उर्वर कृषि भूमि का उपलब्ध होना था। मगध का सैन्य संगठन भी परम्परा एवं मजबूत योगदान भी महत्वपूर्ण कारण थे। इसके अतिरिक्त नदियों के होने से आवागमन एवं यातायात की सुविधा भी वाणिज्य व्यापार को बढ़ावा दिया। प्रश्नोत्तर – महाभारत को प्राचीन भारत का सबसे विशाल महाकाव्य माना जाता है। यह 150 अधिकरण एवं 180 प्रकरण में विभक्त है। इसमें कुल 15 अध्याय हैं। इसके रचना एवं संकलन काल को 500 ई० पूर्व से 400 ई० तक माना जाता हैं इसमें पाण्डवों, कौरव वंश के बीच युद्धों का विस्तृत एवं विशद विवरण दिया गया है। यह भारतीय इतिहास का साहित्यक श्रोत भी माना जाता है।
अकबर के नवरत्नों के नाम बतायें।
Ans :- अकबर के निम्नलिखित नवरत्न थे :
- अबदुर रहीम खान-ए-खाना 2. हकीम हुमाम 3. मुल्ला दो प्याजा 4. अबुल फजल5. फैजी6. तनसेन 7. राजा मानसिंह 8. राजा टोडरमल 9. बीरबल
6.बिजयनगर साम्राज्य का संस्थापक कौन था ? इसकी स्थापना कब हुई ?
Ans :- विजयनगर साम्राज्य का संस्थापक हरिहर एवं बक्का थे जिसने 1336 ई० में दक्षिण भारत में विजयनगर साम्राजय की स्थापना की थी।
7.मीराबाई पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
Ans :- मीराबाई का जन्म 1498 ई० में मेड़ता के एक गाँव कुस्ली में हुआ था। वह मेड़ताके राजा रत्न सिंह राठौर की पुत्री थीं। उनके पति भोजराज की असमय मृत्यु हो गई और मीराबाई विधवा हो गई। बाद में मीराबाई कृष्ण से प्रतीकात्मक प्रेम करते हए कष्ण भक्ति में लीन रहने लगी।
प्रशन 8. दुबास लोग कौन थे ?
उत्तर – (6) दुबास लोग ब्लैक टाउन में रहते थे ओर स्थानीय भाषा और अंग्रेजी भाषा बोलना जानते थे। (ii) वे एजेंट ओर व्यापारी के रूप में कार्य करते थे ओर भारतीय समाज और गाँवों व्यक्ति के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते थे। वे सम्पति एकत्र करने के लिए
सरकार में अपनी पहुँच का इस्तेमाल करते थे।
प्रशन 9. लखनऊ समझौता का क्या महत्व है ?
उत्तर – (6) यह समझौता दिसम्बर 1916 ई० में कांग्रेस ओर मुस्लिम लीग की आपसीतालमेल को दर्शाता है।
(ii) लखनऊ समझौते के अंतर्गत कांग्रेस ने पृथक् चुनाव क्षेत्रों को स्वीकार किया समझौता ने कांग्रेस के मध्यमार्गियों, उग्रपंथियों ओर मुस्लिम लीग के लिए एक संयुक्त राजनीतिक मंच प्रदान किया।
CLASS 12TH HISTORY SUBJECTIVE QUESTION ANSWER 2022
प्रशन 10. क्या भारत एक धर्म-निरपेक्ष राज्य है ?
उत्तर – हाँ, भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य हैं भारतीय संविधन में भारत को एक धर्म-निरपेक्ष राज्य घोषित किया है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भी ‘धर्म-निरपेक्ष’ शब्द 42 वें संशोधन द्वारा 1976 ई० में जोड़ा गया है। राज्य का अपना कोई धर्म नहीं है और न ही राज्य के नागरिकों को कोई धर्म अपनाने की प्रेरणा देता है। वह सभी धर्मों का आदर करता है तथा नागरिकों को भी अपने इच्छानुसार धर्म को मानने की स्वतंत्रता है। मौलिक अधिकार में अनुच्छेद-25 से 28 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है।
11. गौतम बुद्ध के जीवन एवं शिक्षकों का वर्णन करें।
प्रश्नोत्तर – गौतम बुद्ध का जीवन परिचय – गौतम बुद्ध का मूल नाम सिद्धार्थ था। उनका जन्म 563 ई० पूर्व में कपिलवस्तु के निकट लुम्विनी में हुआ था। उनके पिता शुद्धादन कपिलवस्तु के ज्ञाक्च गणराज्य के प्रमुख थे। उनकी माता महामाला कौशल राज्य की राजकुमारी थी। माता का निधन हो जाने के कारण उनका लालन-पालन उनकी मौसी महाप्रजापति गौतयी ने किया। गौतम गोत्र में उत्पन्न होने के कारण वे गौतम भी कहलाएँ। वे वचपन से ही चिंतन में निमग रहे थे वे संसारिक माया-मोह से मुक्ति पाने का उपाय सोचते रहते थे। एक दिन भ्रमण के दौरान उन्हें एक वृद्ध व्यक्ति, एक रोगी वयक्ति, एक मृत व्यक्ति का शव एवं एक सन्यासी को देखा सन्यासी को देखकर उन्हें लगा कि सन्यासी वनकर संसारिक माया-मोह से मुक्ति मिल सकती हैं सन्यासी का वेश धारण कर वे धर से निकल पड़े। इस घटना को ‘महामिनिक्रमण’ कहा गया। उन्हें 35 वर्ष की आयु में वैशाली, पूर्णिया की रात्रि में सच्चे ज्ञान की प्राप्ति हुई। गौतम बुद्ध का उपदेश एवं शिक्षा : उनके उपदेश एवं शिक्षा बौद्ध ग्रंथो से मिलती है। यह आरंभ में पालि एवं वाद में संस्कृत में भी लिखें गये। बौद्ध धर्म का मूल आधार चार आर्य सत्य हैं- 6)- दुःख (ii) दुःख समुदाय (iii) दुःख निरोध और (iv) दुःख निरोधगामिनी प्रतिपदा। महात्मा बुद्ध के अनुसार मानव जीवन दुःख से भरा हुआ है। इसका कारण माया-मोह तृष्णा एवं लालसा है। दुःखों पर विजय आष्टांगिक मार्ग या मध्यम मार्ग के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। आष्टांगिक मार्ग है – सम्यक् दृष्टि, सम्यक्संकल्प, सम्यक् वाणी, सम्यक् कर्म, सम्यक् आजीव, सम्यकव्यायाम, सम्यक् स्मृति एवं सम्यक् समाधि। उन्होंने इसके लिए 10 शील जैसे सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह, नशीले पदार्थों के सेवन नहीं करने एवं सुख-सुविधा के परित्याग की भी बात कही।
Q. 12. अशोक की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें।
- प्रश्नोत्तर – अशोक भारत सहित विश्व के महान शासकों में सीन रखता है। बौद्ध श्रोतों के अनुसार उसने उत्तराधिकार युद्ध में 99 भाईयों की हत्या कर गद्दी प्राप्त की। लेकिन उत्तराधिकार का यह युद्ध सही प्रतीत नहीं होता है। आरंभ में अशोक का उललेख चंडाशोक परन्तु वाद में अर्माशोक के रूप में किया गया।
अशोक कलिंग युद्ध के वाद हृदय परिवर्तित हो गया। उसने दिग्विजय की नीति त्याग दी तथा धम्मविजय को अपनाया।
अशोक ने समाज में सभी वर्गों के बीच सदभाव एवं सामन्जस्य स्थापित करने के लिए धम्म की नीति का पालन किया धम्म वस्तुतः सभी धर्मो का सार रूप था। इससे सामाजिक आचार संहिता भी कहा जाता हैं उसने धम्म के माध्यम से सतय, अहिंसा, सदायार मधुर वाणी, लोक कल्याण, दया, दान एवं क्षमा की भावना को अपनाने एवं ईर्ष्या, क्रोध लालच तृष्णा एवं धृणा का परित्याग करने की बात कही।
अशोक विश्व का अनोखा शासक था जिसने अपने प्रजा को पुत्र के समान समझा। उसने प्रजा के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी कार्य किया। यात्रियों की सुविधा के लिए सड़कों के किनारे वृक्ष लगवाया, पेयजल की सुविधा के लिए कुँआ खुदवाया, उनके सराय का निर्माण करवाया, पशु-पक्षियों की हत्या को कम करने का आदेश दिया। जरूरत मंदो को दान दिया।
इस प्रकार अशोक की अहिंसा की नीति, धम्म की नीति, लोक कल्याण की नीति महत्वपूर्ण उपलब्धियों में है। इसी उपलब्धियों के कारण अशोक को महान भी कहा जाता है।
Q 13. ‘आईन-ए-अकबरी’ अपने काल का आइना है। “व्याख्या करें।
Ans. ‘आईन-ए-अकबरी’ अबुल फजल के द्वारा लिखा गया था। यह पुस्तक तीन भागों में लिखी गई थी। अकबर के शासन काल का समारात्मक पक्ष पेश करना इस ग्रथ का मुख्य उद्देश्य था।
‘आईन-ए-अकबरी’ अपने काल के इतिहास का महत्वपूर्ण स्रोत है। यह उस काल के जीवन के सभी पक्षों का एक क्रमिक वर्णन प्रस्तुत करता है – यह एक एतिहासिक ग्रंथ है। यह मुगलकाल की वारीकियों से आगत कराता है। (ii) यह ग्रंथ किसानों का विस्तृत वर्णय करता है क्योंकि किसान अपने बारे में स्वयं नहीं लिखते थे।
(iii) ‘आइन’ उस समय लिखे गए कम्पनी के दस्तावेजों को समझने में सहायक करता है।
(iv) ‘आइन’ उस राजधानी के अतिरिक्त दूर-दराज के क्षेत्रों का भी विवरण प्रस्तुत करता है।
CLASS 12TH HISTORY SUBJECTIVE QUESTION ANSWER 2022
Q 14. भक्ति और सूफी आन्दोलन एक दूसरे के पूरक थे। व्याख्या कीजिए।
Ans. भारत में मध्यकाल में एक नवीन धर्मिक आंदोलन प्रारम्भ हुआ हिन्दुओं के आन्दोलन को भक्ति आंदोलन तथा मुसलमानों के आंदोलन को सूफी आंदोलन कहते हैं। भक्ति आंदोलन में दो धाराएँ थी – सगुण और निर्गुण धारा सगुण धारा के भक्त कृष्ण और राम के आराधक थे। सूफी परिचय संतो की विचारधारा नहीं रहस्यात्मक थी। ये दोनों ही आंदोलन आम जनता पर अपना प्रभाव छोड़ने में सफल हए। हालॉकि रीति-रिवाजों में ये एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न थे किन्दु वृहद् दृष्टि से ये एक-दूसरे के पूरक भी थे। दो समुदायों में एक साथ आंदोलन शुरू होना ही इस तथ्य की पुष्टि करता है कि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। भक्ति एवं सूफी आन्दोलन के प्रभाव :(6) इस आन्दोलनों के संतों ने धर्म की जटिलताओं को दूर करके उसे सभी के लिए सरल एवं सुलभ बना दिया।
(ii) भक्ति तथा सूफी दोनों की आन्दोलनों में स्थापित धार्मिक कावस्था पर कड़ा प्रहार किया था।
(iii) दोनों ही आन्दोलन में गरीब, लाचार एवं बेबस लोगों की ओर विशेष ध्यान दिया गया था।
(iv) संतो एवं सूफियाँ की वाणी घर-घर तक पहुँच गई। (1) संतों का जीवन अत्यंत सादा तथा आदर्शों से भरा हुआ था। (i) नृत्य एवं संगीत ईश्वर से प्रेम करने का साधन बना। (vii) इस आंदोलन ने जाति प्रथा जैसी समाजिक व्यवस्था को कमजोर कर दिया। प्रशन
CLASS 12TH HISTORY SUBJECTIVE QUESTION ANSWER 2022
15.किप्स मिशन भरत दीर्ध कयों आया ? इसका क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर – दूसरे महायुद्ध (1939-45) में इंगलैण्ड की स्थिति बड़ी खराब हो ई थी। इसलिए उसे भारतीयों से सहयोग की आवश्यकता थी, परन्तु अंग्रेजों की गलत नीतियों के कारण भारतीय अंग्रेजों से नाराज थे और उन्हें किसी प्रकार के सहयोग देने को तैयार नहीं थे। इस समस्या को सुलझाने के लिए ही ब्रिटिश सरकार ने सर स्टेफाई किप्स को 1942 ई० में भारत भेजा। उसने भारतीय नेताओं के सामने अपनी योजना रखी। इसमें कहा गया कि यदि भारतीय दूसरे विश्वयुद्ध में अंग्रेजों के साथ दें तो उन्हें युद्ध बाद ‘अधिराज्य’ दिया जायेगा। गाँधी जी ने किप्स मिशन योजना की तुलना एक ऐसे चेक से की जिस पर बाद की तिथि पड़ी हुई हो ओर जो ऐसे बैंक का नाम जो फेल होने वाला हों इस प्रकार सभी भारतीय नेताओं ने किप्स मिशन की योजना को अस्वीकार कर दिया अंतत: स्टेफोर्ड किप्स को खाली हाथ वापस लौना पड़ा।
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