12वीं हिंदी बाल कृष्णभट्ट महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर, आज हम लोग बालकृष्ण भट्ट के बारे में और हमारे किताब में उन्होंने क्या लिखा है यह सारे चीज के बारे में पढ़ने वाले हैं अगर आप इसको अच्छी तरीके से पढ़ लेते हैं तो आप यहां से तीन से चार नंबर का प्रश्न हल कर लेंगे 12वीं हिंदी बालकृष्ण भट्ट महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर मैं इसी चैप्टर से लगभग 3 से 4 प्रश्न पूछता है बालकृष्ण भट्ट के बारे में पढ़ने के लिए और पूरा जानकारी के लिए नीचे दिए गए सभी को पढ़कर आप अपनी कॉपी में बालकृष्ण भट्ट के बारे में नोट कर ले
हमारे हिंदी के किताब मैं उन्होंने बातचीत को लिखा है?
बालकृष्ण भट्ट अपने जमाने में गद्य खंड के सबसे बड़े और विशाल लेखक थे उनको गध खंड के सभी लेखक गुरु माना करते थे बालकृष्ण भट्ट हमारे दिगंत बुक बारहवीं का पहला चैप्टर लिखा है जिसका नाम बातचीत है बालकृष्ण भट्ट बातचीत के माध्यम से हमारे जुबान की सादगी और चलने फिरने खाने पीने फिरने आदि की जरूरत को अच्छी तरह से बताया है अगर हम बालकृष्ण भट्ट के बातचीत को गहराई से समझ लेंगे तो हम कभी ठोकर नहीं खाएंगे उन्होंने इतना अच्छा से बातचीत के बारे में दर्शाया है कि लोगों को आसानी से बालकृष्ण भट्ट की बातचीत और उसके सभी तात्पर्य को समझ लेते हैं बालकृष्ण भट्ट वास्तविक रुप से बातचीत को एक बड़ी समस्या मानकर हमें समझाने की बात कहती है बातचीत से लोगों का व्यवहार का पता चलता है जिससे हम लोगों की बातचीत से ही उसकी बड़ी बड़ी समस्या को पता कर लेते हैं वही बालकृष्ण भट्ट बताया है की लोगों की मुस्कुराहट जितना जरूरी उतना ही हमारे बोलचाल में सादगी और मिठास जरूरी है बालकृष्ण भट्ट हमारे किताब में एक के गद्य खंड के तौर पर बातचीत को लिखा है
बालकृष्ण भट्ट के बारे में आप क्या जाने?
अगर हम लोग अपना हिंदी किताब पढ़ना चाहेंगे तो सबसे पहले हमको बालकृष्ण भट्ट के बारे में जानना होगा और उनके जन्म से लेकर उसकी मरण तक पूरी कहानी समझना होगा तो हम जान लेते हैं कि बालकृष्ण भट्ट की पैदाइश कब हुई थी वही उसका जवाब होगा 23 जून 1844 इलाहाबाद उत्तर प्रदेश का रहने वाला था उसकी माता एक ग्रहणी थी जिनका नाम पार्वती देवी और पिता व्यापारी थे जिसका नाम था बेनी प्रसाद भट्ट बालकृष्ण भट्ट को पढ़ने में बचपन से ही बहुत ज्यादा रुचि थी जिसकी वजह से उसके माता-पिता व्यापारी और ग्रहणी के रहने पर भी उसका साथ काफी हद तक दिया उसकी माता दिन भर काम करके रात में उसको पढ़ने के लिए बैठा था और साथ में बैठा रहता जिससे बालकृष्ण भट्ट को काफी मदद मिली पढ़ने में और वह प्रयाग में एक स्कूल थी जो वहीं से पढ़ना प्रारंभ 1867 में प्रयाग के मिशन स्कूल से एंट्रेंस की परीक्षा पास कर ली और आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए उसी स्कूल में वह पढ़ना शुरू कर दिया लगभग वह स्कूल में 6 साल 18 सो 69 से 1875 तक अध्यापन किया और फिर आगे जाकर अलग स्कूल मैं संस्कृत का अध्यापन किया वहां 1885 से डीएवी स्कूल में रहा था फिर बालकृष्ण भट्ट 1888 में प्रयाग के कायस्थ पाठशाला इंटर कॉलेज में अध्यापक नियुक्त हुआ। लेकिन वह उग्र स्वभाव के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी उसके बाद उसे अलग ऊंचाई और फिर किताब लिखना शुरू किया और लेखन कार्य पर ही निर्भर रहा और फिर उसका पिता का निधन हो गया और वह अपने पिता का व्यापार संभालने के उसके घरवालों ने कहा लेकिन वह अपना घर छोड़कर आर्थिक संकट से हिम्मत से काम लिया और वह साहित्य के प्रति लगा रहा काफी मेहनती के कारण लेखन कार्य करते रहा और फिर उन्होंने भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रेरणा से हिंदी वर्धनी सभा प्रयाग की ओर से 1870 में हिंदी प्रदीप नामक मासिक पत्र निकालना प्रारंभ किया यह कार्य बालकृष्ण भट्ट ने 33 वर्ष तक करते रहे इसमें नियमित रूप से सामाजिक साहित्यिक नैतिक राजनीतिक विषय पर निबंध लिखते रहें और अपने छापते रहे और उन्होंने घोर परिश्रम के बाद बहुत सारे निबंध लिखें जिनमें से बहुत सारी निबंध लोग बहुत ज्यादा प्यार और आशीर्वाद से फिर जाकर उसने बहुत सारी उपन्यास नाटक प्रहसन निबंध लिखें उपन्यास जैसे रहस्य कथा नूतन ब्रह्मचारी सौ अजान एक सुजान गुप्त वेरी नाटक जैसे पद्मावती किरातार्जुनीयम् शिशुपाल विकट खेल बाल विवाह आदि प्रहसन जैसे जैसा काम वैसा परिणाम नई रोशनी का विश आचार विडंबना आदि यह सारे नाटक निबंध उपन्यास उन्होंने लिख कर अपने आप को विख्यात किया और लगभग वह एक हजार के आसपास निबंध लिखकर आज हमारे देश का बहुत ही अगर पूर्ण नाम बना लिया बालकृष्ण भट्ट एक बहुत बड़े गद्य खंड लेखक है पूरी दुनिया में अब उनके निबंध को पढ़े जाने लगे और वह पूरी दुनिया में प्रचलित हुआ जिससे आज हम सभी जानते हैं और फिर उसका 20 जुलाई 1914 को देहांत हो गया12th
12वीं हिंदी किताब के पहला चैप्टर बालकृष्ण भट्ट के बारे में पूरा जानकारी हम लोग इस के माध्यम से ले लेंगे क्योंकि 12वीं हिंदी बालकृष्ण भट्ट से बहुत सारे प्रश्न आपको बोर्ड परीक्षा में पूछा जाएगा इसीलिए 12वीं हिंदी बालकृष्ण भट्ट चैप्टर के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर को हम सभी सॉल्व कर लेंगे