सिरसी हिजली की पूरी जानकारी/Full information of Sirsi Hijli

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इस ब्लॉग में हम लोग एक मशहूर गांव सिरसी हिजली (Sirsi Hijli)  के बारे में जानने वाले हैं जो कि आज से लगभग हजारों साल पहले इस गांव का स्थापना हुआ था और आज यह गांव पूरी भारत में मशहूर है

सिरसी हिजली गांव का नाम सिरसी हिजली क्यों पड़ा?

सिरसी हिजली गांव का नाम सिरसी हिजली इसलिए पड़ा क्योंकि वहां के लोगों का कहना है कि शीर्ष का मतलब आगे वाला हिस्सा यानी सबसे आगे और  हिजली का मतलब हाजिर रहना और वहां के लोगों ने इसकी पूरी तरह से मीनिंग निकाला तो उसे बहुत अच्छा लगा उन लोगों ने सोचा सिरसी हिजली का मतलब सबसे आगे रहना और सब ने इस गांव का नाम सिरसी हिजली रख दिया!

सिरसी हिजली गांव कहां पर है?

सिरसी हिजली गावं बिहार के पूर्णियां जिला में है

Detail of sirsi hijli

गावं (village) – सिरसी हिजली/ Sirsi Hijli

थाना (Block) – अमौर / Amour

जिला (District)-पुर्णियां / Purnea

राज्य (State)- बिहार / bihar

पूर्णिया से सिरसी हिजली कैसे जाएं?

पूर्णिया से सिरसी हिजली की दूरी लगभग 50  किलोमीटर है I अगर आप पूर्णिया से सिरसी हिजली जाएंगे तो आपको पहले पूर्णिया से बायसी आना होगा फिर बायसी से अमौर  आना होगा और यहां से आपको सिरसी जाने का दो रास्ता मिलेगाI पहला रास्ता अमौर से बायसी  के तरफ से जाने को रास्ता मिलेगा और दूसरा रास्ता फकीर टोली होते हुए खाड़ी की तरफ से आप सिरसी हिजली जा सकते हैं Iऔर यह दोनों रास्ता की दूरी लगभग बराबर ही है आप कहीं से भी जा सकते हैंI

सिरसी हिजली किस अनुमंडल में पड़ता है?

सिरसी हिजली अमौर अनुमंडल में पड़ता हैI

सिरसी हिजली का वर्तमान में एम एल ए और एम पी कौन है?

सिरसी हिजली का वर्तमान में एम एल ए अख्तरुल इमान और एम पी जावेद आलम है

सिरसी हिजली के लोग और वह गांव पूरे भारत में मशहूर क्यों हुआ?

सिरसी हिजली के लोग बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे के साथ-साथ बेवकूफ और वहां का सबसे ज्यादा चोर डाकू बदमाश होने के कारण पूरे भारत में यह गांव मशहूर हो गयाI

सिरसी हिजली के लोग का आचरण व्यवहार कैसा था?

सिरसी हिजली के लोगों का आचरण व्यवहार बिल्कुल अनोखा थाI  जो लोगों को उनके आचरण और व्यवहार से लुभा  लेते थे बहुत सारे ऐसे भी घटनाएं हैं जो आपको काफी मनोरंजक और लुभावना लग जाएगा I वहां के लोगों का व्यवहार बहुत अच्छा था अगर किसी तरह से और जगह से वहां पर लोग आ जाते थे I तो उनका बहुत ज्यादा इज्जत किया करते थे और उसे बिल्कुल मेहमान के तरह रखते थे और उन्हें खाना पीना सोना से लेकर सभी तरह के सुविधा देते Iवहां के लोग काफी नेक और साफ दिल वाले थे जिन्हें लोगों को काफी पसंद आयाI जिससे सिरसी हिजली गांव आज पूरे भारत में विख्यात है उनके चर्चे बहुत हो रहे हैं Iउनके चर्चे होने का कारण वहां का आचरण व्यवहार ही थाI

सिरसी हिजली के लोगों की अच्छी आदतें और बुरी आदत है क्या क्या थी?

यहां के लोग बहुत पढ़े लिखे थे और पढ़े-लिखे के साथ-साथ बहुत ऐसे ऐसे लोग हुआ करते थे जो बहुत ज्यादा अनपढ़ गवार और बेवकूफ भी थे वहां की अच्छाई तो बहुत सारी हैं लेकिन साथ में बुराइयां भी बहुत सारी है ऐसी बुराइयां जो लोगों को मनोरंजक के साथ-साथ मन लुभावना वाली बुराइयां है जैसे एक कहानी मैं बताता हूं जो बिल्कुल हकीकत है यह सिरसी हिजली के लोगों ने ही इस तरह के मनोरंजक घटनाएं की है एक बार की बात है आज से लगभग 100 साल पहले एक व्यक्ति जो बहुत ज्यादा पढ़े लिखे थे पढ़े-लिखे के साथ-साथ वह वकालत किया करते थे वह काफी अच्छे वकील थे वह अपने काम मन पूरे लगन से करता था मैं प्रतिदिन सुबह सवेरे उठना और वहां से पैदल चलकर कोर्ट आता था और वह साथ में अपने फाइल लेकर अपने हाथों के बीच दबाकर लेकर आता था उन्हें यह काम प्रतिदिन करना पड़ता था सवेरे उठकर पायल हाथ में लेकर जल्द ही कोर्ट पहुंचने के लिए रवाना होता एक दिन उन्होंने फाइल के बदले अपने सोने वाले तकिया को अपने हाथ के बीच दबाकर कोर्ट चले गए जो भी लोग उन्हें देखते थे तो सवाल पूछना चाहते थे लेकिन वकील होने के कारण उन्हें कोई सवाल नहीं पूछता और फिर जब वह कोर्ट पहुंचा तो लोगों ने देखा कि वह फाइल के बदले अपना तकिया लेकर आ चुका है जिन्हें लोग देखकर काफी हंसे थे और काफी मजाक भी उड़ाते थे लेकिन वह हमेशा केस को जीत लेता था क्योंकि वह काफी ईमानदार और नेक था

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